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भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: तकनीकी विकास की चुनौती पर देना होगा ध्यान

By भरत झुनझुनवाला | Updated: January 13, 2020 05:59 IST

विश्व स्तर पर हमारी प्रयोगशालाएं ठहरती नहीं हैं. अत: हमें तकनीकों के सृजन को आउटसोर्स करने पर विचार करना होगा. सरकार द्वारा ब्लॉकचेन और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्नों में नई तकनीकों को सृजित करने के लिए निजी संस्थाओं या सरकारी प्रयोगशालाओं अथवा हमारी सरकारी यूनिवर्सिटियों को ठेके दिए जा सकते हैं...

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अमेरिकी संस्थान ब्रूकिंग्स के मेट्रोपोलिटन पॉलिसी प्रोग्राम के द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार आने वाले समय में उच्च तकनीकों के रोजगार में वृद्धि होगी और वेतन भी बढ़ेंगे, मध्यम तकनीकों में रोजगार कम होंगे और निम्न तकनीकों में रोजगार की संख्या में वृद्धि होगी लेकिन वेतन न्यून रहेंगे.

वर्तमान में न्यून, मध्यम और उच्च श्रेणी का एक पिरामिड सरीखा रोजगार का वितरण है. न्यून तकनीक के रोजगार जैसे टैक्सी चलाना, मोबाइल फोन को बेचना और मरम्मत करना, कार की मरम्मत करना अथवा ट्यूबवेल की फिटिंग करना इत्यादि के रोजगार की संख्या में वृद्धि होगी लेकिन इनके वेतन में गिरावट आएगी. इस प्रकार के कार्य के श्रम बाजार में श्रमिकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वेतन में गिरावट आएगी.

मध्यम श्रेणी के तकनीक के रोजगार जैसे एक्सरे को देखना अथवा कम्प्यूटर टाइपिंग के कार्य लुप्तप्राय हो जाएंगे. आगामी समय में ऐसी तकनीकें आ जाएंगी जिनसे कम्प्यूटर एक्सरे को देखेगा व रेडियोलॉजिस्ट का रोजगार समाप्त हो जाएगा. ऐसे कम्प्यूटर प्रोग्राम बन जाएंगे कि आप स्वयं ही अपने कम्प्यूटर से बोल कर टाइपिंग करा सकेंगे. जैसे वर्तमान में यदि आपको कोई कागज छपवाना है तो उसकी फॉर्मेटिंग आप स्वयं कर लेते हैं जो कि पूर्व में किसी मध्यम श्रेणी के कर्मी से कराते थे. इसलिए मध्यम श्रेणी के रोजगार लुप्तप्राय हो जाएंगे.

तीसरी तरफ जो उच्च श्रेणी के रोजगार हैं, जैसे ब्लॉकचेन, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, जावा स्क्रिप्ट और रोबोटिक्स में भारी वृद्धि होगी. इनमें वेतन भी बढ़ेंगे और संख्या भी बढ़ेगी. यद्यपि कुल संख्या कम रहेगी क्योंकि इसमें कम संख्या में लोग ही अधिक मात्ना में काम कर सकते हैं. किसी एक वैज्ञानिक ने एक नए प्रकार का रोबोट बना दिया तो उस रोबोट का लाखों की संख्या में उत्पादन करना और उससे करोड़ों माल का उत्पादन करना संभव हो जाता है. इसलिए उच्च तकनीक के रोजगार संख्या में कम और वेतनमान अधिक होंगे.

इस परिस्थिति में हमको देश की जनता को रोजगार उपलब्ध कराना है और देश के आर्थिक विकास को बढ़ाना है. स्पष्ट है कि सर्वप्रथम हमें उच्च तकनीकों को सृजित करने में रोजगार बनाने होंगे. इसके लिए हमें केंद्र की तमाम प्रयोगशालाओं में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा.

विश्व स्तर पर हमारी प्रयोगशालाएं ठहरती नहीं हैं. अत: हमें तकनीकों के सृजन को आउटसोर्स करने पर विचार करना होगा. सरकार द्वारा ब्लॉकचेन और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्नों में नई तकनीकों को सृजित करने के लिए निजी संस्थाओं या सरकारी प्रयोगशालाओं अथवा हमारी सरकारी यूनिवर्सिटियों को ठेके दिए जा सकते हैं, जिससे कि इन ठेकों को हासिल करने के लिए संस्थाओं के बीच स्पर्धा हो और हम इन तकनीकों को तेजी से बना सकें. विशेषकर हमें अपने यूनिवर्सिटी तंत्न में तेजी से सुधार करना होगा.

टॅग्स :इंडियाटेक्नोमोदी सरकारलोकमत हिंदी समाचार
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