अवधेश कुमार का ब्लॉगः महत्वपूर्ण पदों पर योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति हो

By अवधेश कुमार | Published: February 18, 2019 05:22 AM2019-02-18T05:22:55+5:302019-02-18T05:22:55+5:30

सरकारी विभागों और संस्थानों में इतनी भारी संख्या में पद हैं, जिनकी ओर हमारा ध्यान जाता ही नहीं. 

Awadhesh kumar's blog: Appointing qualified persons on important posts | अवधेश कुमार का ब्लॉगः महत्वपूर्ण पदों पर योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति हो

अवधेश कुमार का ब्लॉगः महत्वपूर्ण पदों पर योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति हो

इस समय ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है मानो नरेंद्र मोदी सरकार की लोकप्रियता गिरी है, भाजपा तीन प्रमुख राज्यों में पराजित हुई तो उसके लिए केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथी मंत्री तथा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह या प्रदेश सरकारें ही जिम्मेवार हैं. संसदीय लोकतंत्र में ऐसी हर स्थिति पर हमारा ध्यान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों पर जाकर टिकता है. यह पूरा सच नहीं. इसके अलावा भी सरकारी विभागों और संस्थानों में इतनी भारी संख्या में पद हैं, जिनकी ओर हमारा ध्यान जाता ही नहीं. 

वे सब सरकार के ही भाग हैं और उनमें से ज्यादातर के पास इतने अधिकार, संसाधन, मशीनरी तथा ऐसे काम हैं जो सरकार की लोकप्रियता बढ़ाने में भारी योगदान कर सकते हैं. यह केवल मोदी सरकार और भाजपा के लिए ही नहीं, अतीत और भविष्य में आने वाली सरकारों के लिए भी समान रूप से सही है. संघ और उससे जुड़े कुछ आनुषंगिक संगठनों तथा भाजपा में भी ऐसे लोग हैं जो सरकार की अलोकप्रियता के लिए कुछ मुद्दों पर प्रधानमंत्री द्वारा निरपेक्षता अपनाने तथा कई परेशान करने वाले निर्णय को मानते हुए आलोचना करते मिल जाएंगे. ये बातें गलत नहीं हैं. 

मंत्रिमंडल के अलावा केंद्र से लेकर प्रदेशों में अनेक आयोग व बोर्ड हैं, अकादमियां हैं, संस्कृति-कला पर केंद्रित संस्थाएं हैं, विश्वविद्यालय, वित्तीय संस्थाएं हैं. उदाहरण के लिए केंद्र के हाथों 47 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं. केंद्र द्वारा संचालित अनेक ऐसे शैक्षणिक संस्थान हैं जिनकी हैसियत एक विश्वविद्यालय के समान ही है. अनेक शोध संस्थान हैं, अनुसंधान परिषदें हैं, संस्कृति और कला के क्षेत्र में काम करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों में भारतीय संस्कृति अनुसंधान परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, संगीत नाटक अकादमी, फिल्म डिवीजन हैं. प्रकाशन विभाग, नेशनल बुक ट्रस्ट, एनसीईआरटी, साहित्य अकादमी है. कृषि पर, स्वास्थ्य पर काम करने वाली संस्थाएं हैं. आप केंद्र सरकार के छाते के नीचे कार्यरत संस्थाओं की सूची बनाएंगे तो विस्मित हो जाएंगे.  
    
दुर्भाग्य यह है कि जिनकी नियुक्तियां इन पदों पर हुई हैं उनमें बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिनको अहसास ही नहीं है कि उनकी जिम्मेवारी कितनी महत्वपूर्ण है. गलत काम हो रहे हैं. ऐसे लोगों की भी नियुक्तियां हुई हैं जो उन पदों के योग्य नहीं हैं. न उनके पास विजन है और न समर्थन विस्तार की चिंता. पूर्व की सरकारों में भी हमने अयोग्य, नाकारा, नेताओं या संगठन के प्रमुख लोगों के ईर्द-गिर्द रहने वाले चापलूस किस्म के व्यक्तियों को प्रोत्साहन मिलते देखा है. दुर्भाग्यवश, मोदी सरकार में भी यह अपसंस्कृति कायम है. संघ एवं भाजपा से जुड़े इन चेहरों को पहचानने वाले ऐसे लोगों की नियुक्तियों से क्षुब्ध हैं. चिंता की बात यह है कि नियुक्त किए गए लोगों के कार्यो का मूल्यांकन करने का तंत्र विकसित नहीं हुआ. इनका मूल्यांकन होना चाहिए था.

Web Title: Awadhesh kumar's blog: Appointing qualified persons on important posts

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