अवधेश कुमार का ब्लॉग: तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य

By अवधेश कुमार | Published: July 18, 2019 04:12 AM2019-07-18T04:12:54+5:302019-07-18T04:12:54+5:30

इस समय भारत दुनिया की छठी अर्थव्यवस्था है जो 158 देशों की कुल अर्थव्यवस्था के आकार के बराबर है. दुनिया भर की आकलन करने वाली वित्तीय संस्थाओं की भविष्यवाणी है कि कुछ ही समय में भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पांचवीं अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इस समय अमेरिका 19.39 लाख करोड़ डॉलर के साथ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

Awadhesh Kumar blog: The goal of becoming the third major economy | अवधेश कुमार का ब्लॉग: तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

यह साफ है कि अगले पांच वर्षों तक नरेंद्र मोदी सरकार का नारा भारत को पांच खरब डॉलर यानी पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का देश बनाना है. यह मोदी सरकार-2 के पहले बही-खाता यानी बजट का अंश है. आर्थिक समीक्षा में इसकी विस्तार से चर्चा की गई थी. बजट के अगले दिन प्रधानमंत्री का वाराणसी प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं के बीच मुख्य फोकस ही यही था. उन्होंने कहा कि निराशावादी इस पर प्रश्न उठाएंगे, वे कहेंगे यह कैसे होगा, यह हो नहीं सकता लेकिन हमें उम्मीद बनाए रखनी है. हम यह लक्ष्य हासिल करके रहेंगे और तीन प्रमुख अर्थव्यवस्था यानी अमेरिका, चीन के बाद की श्रेणी में आ जाएंगे.

प्रधानमंत्री के कथन में संकल्प और आत्मविश्वास झलकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के आरंभ में इसका जिक्र किया तथा उसके बाद दिए साक्षात्कारों में यह साबित करने का प्रयास कर रही हैं कि यह लक्ष्य अव्यावाहरिक नहीं है. बजट प्रस्तावों पर संसद में हुई चर्चा में भी यह प्रमुखता से शामिल था. तो क्या यह लक्ष्य हासिल हो पाएगा?

इस समय भारत दुनिया की छठी अर्थव्यवस्था है जो 158 देशों की कुल अर्थव्यवस्था के आकार के बराबर है. दुनिया भर की आकलन करने वाली वित्तीय संस्थाओं की भविष्यवाणी है कि कुछ ही समय में भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पांचवीं अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इस समय अमेरिका 19.39 लाख करोड़ डॉलर के साथ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

12.01 लाख करोड़ डॉलर के साथ चीन दूसरे स्थान पर है. तीसरे नंबर पर जापान है जिसकी अर्थव्यवस्था का आकार 4.87 लाख करोड़ डॉलर है. चौथे नंबर पर जर्मनी की अर्थव्यवस्था 3.68 लाख करोड़ डॉलर है. ब्रिटेन 2.62 लाख करोड़ डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर है. भारत 2.61 लाख करोड़ डॉलर के साथ छठे स्थान पर है.

हालांकि एक आकलन में भारत 2.7 लाख करोड़ डॉलर के साथ ब्रिटेन को पीछे छोड़ गया है, किंतु अधिकृत संस्थाओं ने अभी इस पर मुहर नहीं लगाई है. हमने पिछले वर्ष फ्रांस को पीछे छोड़ा था जिसकी अर्थव्यवस्था का आकार 2.58 लाख करोड़ डॉलर है.  

लक्ष्य के अनुरूप विकास की योजनाएं भी बनाई गई हैं. वैसे विश्व बैंक ने 6 जून को जारी अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा था कि बेहतर निवेश और निजी खपत के दम पर भारत आने वाले समय में भी सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था बना रहेगा. 

Web Title: Awadhesh Kumar blog: The goal of becoming the third major economy

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