अवधेश कुमार का ब्लॉग: बदले हुए भारत की दिख रही तस्वीर
By अवधेश कुमार | Published: September 11, 2019 02:19 PM2019-09-11T14:19:14+5:302019-09-11T14:19:14+5:30
बहुत कम लोगों ने उम्मीद की थी कि रात भर चंद्रयान-2 मिशन की सफलता के लिए टीवी पर आंखें गड़ाए देश अंतिम समय में लैंडर विक्रम के गायब हो जाने की तत्काल निराशाजनक स्थिति में इस तरह आशावादी होकर खड़ा हो जाएगा!
ऐसे मौके पर देश का ऐसा अद्भुत वातावरण, जिसमें हर व्यक्ति परोक्ष तौर पर एक दूसरे का उत्साह बढ़ा रहा हो, पहले कभी नहीं देखा गया. देश के चरित्न की पहचान इसी से होती है कि कठिन परिस्थिति में सामूहिक प्रतिक्रि या कैसी हो रही है.
इस मायने में भारत का सामूहिक चरित्न या तो उदासीनता का रहा है या फिर अतिवादी आलोचना और निंदा का. हां, हमने पिछले पांच सालों में भारत के सामूहिक व्यवहार में हो रहे सकारात्मक एवं परिपक्व बदलाव को महसूस किया है. चंद्रयान-2 मिशन में वह बदलाव ज्यादा सुदृढ़ होते दिखा है.
बहुत कम लोगों ने उम्मीद की थी कि रात भर चंद्रयान-2 मिशन की सफलता के लिए टीवी पर आंखें गड़ाए देश अंतिम समय में लैंडर विक्रम के गायब हो जाने की तत्काल निराशाजनक स्थिति में इस तरह आशावादी होकर खड़ा हो जाएगा! इसरो के वैज्ञानिकों को भी उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्नी ऐसा कुछ करेंगे कि निराशा की स्थिति उत्साह में बदल जाएगी.
जैसे ही इसरो प्रमुख ने आकर उन्हें बताया कि विक्रम का संपर्क टूट गया है, उनको भी हमारी आपकी तरह धक्का जरूर लगा होगा. किंतु चेहरे पर कोई भाव नहीं! वैज्ञानिकों के बीच गए, एक छोटा भाषण दिया. ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की कि जीवन में सफलता-विफलता आती है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि मैं आपके साथ हूं.
फिर वे क्विज प्रतियोगिता में चयनित बच्चों से मिले, बातें कीं, कुछ के प्रश्नों के उत्तर भी दिए, फोटो खिंचवाए. निकलने में कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई. जो भी वैज्ञानिक या तकनीशियन सामने आया, सबको दिलासा दी. ऐसे ही समय नेतृत्व की परीक्षा होती है. जब वे सुबह फिर इसरो आए तो लग ही नहीं रहा था कि वे सोए नहीं हैं या चेहरे पर थकान का भाव है.
केवल इसरो के वैज्ञानिकों और कर्मियों को ही नहीं पूरे देश के अंदर आत्मविश्वास पैदा करने वाला जो भाषण था, उसकी उन्होंने तैयारी की होगी. उस भाषण और व्यवहार ने कुछ मिनट के अंदर देश का माहौल ही बदल दिया. वस्तुत: किसी को भले ही इससे राजनीतिक परेशानी हो, पर सच यही है कि नरेंद्र मोदी ने देश का चरित्न बदला है. यह एक नए आत्मविश्वास वाला बदलता हुआ भारत है जो अपने बेहतर भविष्य को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहा है.