अवधेश कुमार का ब्लॉग: ये प्रकरण आत्मचिंतन का कारण बनें 

By अवधेश कुमार | Published: April 10, 2019 03:55 PM2019-04-10T15:55:07+5:302019-04-10T15:55:07+5:30

अमेरिका से ही आई यह खबर हमारे यहां सर्वाधिक महत्व की थी कि नासा ने भारत के इस दावे को खारिज किया है कि अंतरिक्ष में उपग्रह विरोधी मिसाइल के परीक्षण से पर्यावरण को कोई खतरा नहीं पहुंचा.

Avadhesh kumar blog: This episode is a cause for self-expression iaf F-16 Fighter plane pakistan | अवधेश कुमार का ब्लॉग: ये प्रकरण आत्मचिंतन का कारण बनें 

अवधेश कुमार का ब्लॉग: ये प्रकरण आत्मचिंतन का कारण बनें 

चुनावी और दलीय राजनीति की  सीमाएं बार-बार स्पष्ट हो रही हैं. चिंता की बात है कि देश का एक तबका इस तरह राजनीति के अनुसार सोचने लगा है जिसमें देश पीछे छूट जाता है. दो घटनाओं को हम आधार बना सकते हैं. 
संपूर्ण मीडिया में यह खबर अचानक सुर्खियां बन गई कि अमेरिका के रक्षा विभाग ने पाकिस्तान में एफ-16 विमानों की गिनती की है और वो संख्या में पूरी पाई गई हैं.

इसके एक दिन पहले अमेरिका से ही आई यह खबर हमारे यहां सर्वाधिक महत्व की थी कि नासा ने भारत के इस दावे को खारिज किया है कि अंतरिक्ष में उपग्रह विरोधी मिसाइल के परीक्षण से पर्यावरण को कोई खतरा नहीं पहुंचा. ये दोनों समाचार ऐसे थे जिनसे पूरी दुनिया में भारत की एक विकृत छवि निर्मित हो रही थी. बाद में दोनों समाचारों की अमेरिका से ही धज्जियां उड़ गईं.  

इस पर गहराई से विचार करना जरूरी है. अमेरिका की ‘फॉरेन पॉलिसी’ पत्रिका ने खबर दी और हमने उसे ब्रrावाक्य मान लिया. यह भी नहीं सोचा कि हमारी वायुसेना ने बाजाब्ता पत्नकार वार्ता करके कहा था कि पाकिस्तान द्वारा एफ-16 विमान के उपयोग तथा उनको गिराए जाने के सबूत हमारे पास हैं. यह भी ध्यान रखिए कि इस समाचार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान ने ट्वीट कर दिया था. हमने नहीं सोचा कि यह पाकिस्तान की कुटिल नीति हो सकती है. 

हमें तो अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का शुक्रि या कहना चाहिए जिसने बिना लाग-लपेट के कह दिया कि हमारे पास ऐसी किसी जांच के बारे में कोई जानकारी नहीं, जिसमें पाकिस्तान के एफ-16 विमानों की गिनती की गई हो. 

अब आइए दूसरे समाचार पर. नासा ने मिशन शक्ति को बेहद खतरनाक बताते हुए कहा कि इसकी वजह से अंतरिक्ष की कक्षा में मलबे के करीब 400 टुकड़े फैल गए हैं, जो कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में मौजूद स्पेस असेट्स के लिए नया खतरा उत्पन्न कर सकता है. डीआरडीओ के अध्यक्ष सतीश रेड्डी ने नासा के वक्तव्य को तथ्यों के साथ खारिज कर दिया. 

उन्होंने कहा कि हमने 300 किमी से भी कम दूरी के लोअर ऑर्बिट को चुना जिससे अन्य देशों के स्पेस असेट्स को नुकसान न हो. सारा मलबा 45 दिन के अंदर नष्ट हो जाएगा. रेड्डी को भी शायद आरोपों के घेरे में ला दिया जाता. पर यहां भी अमेरिकी रक्षा विभाग आ गया. उसने साफ कहा कि मलबे 45 दिनों में धरती पर गिर जाएंगे.   
ये दोनों प्रकरण हमें एक भारतीय के नाते आत्मचिंतन को प्रवृत्त करते हैं. भारत आज ऐसी जगह है जहां हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है. 

Web Title: Avadhesh kumar blog: This episode is a cause for self-expression iaf F-16 Fighter plane pakistan

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