ब्लॉगः महिलाओं को गर्भपात अधिकार... देश में व्यभिचार और बलात्कार की घटनाओं में होगी बढ़ोतरी?

By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 1, 2022 03:39 PM2022-10-01T15:39:03+5:302022-10-01T15:39:17+5:30

अदालत का फैसला काफी सही लगता है लेकिन डर यही है कि इसके कारण देश में व्यभिचार और बलात्कार की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जैसा कि यूरोप और अमेरिका में होता है। 

Abortion rights for women Will increase in the incidence of adultery and rape in the country | ब्लॉगः महिलाओं को गर्भपात अधिकार... देश में व्यभिचार और बलात्कार की घटनाओं में होगी बढ़ोतरी?

ब्लॉगः महिलाओं को गर्भपात अधिकार... देश में व्यभिचार और बलात्कार की घटनाओं में होगी बढ़ोतरी?

सर्वोच्च न्यायालय ने भारत की महिलाओं के अधिकारों के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। उसने अपने ताजातरीन फैसले में सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दे दिया है, वे चाहे विवाहित हों या अविवाहित हों। भारत में चले आ रहे पारंपरिक कानून में आमतौर पर विवाहित महिलाओं को ही गर्भपात का अधिकार था।  उसका नतीजा क्या होता रहा? ऐसी औरतें, जिन्हें गर्भपात का अधिकार नहीं है वे या तो आत्महत्या कर लेती हैं, या छिपा-छिपाकर घर में ही किसी तरह गर्भपात की कोशिश करती हैं या नीम-हकीमों और डॉक्टरों को पैसे खिलाकर गुपचुप गर्भमुक्त होने की कोशिश करती हैं।  

इन्हीं हरकतों के कारण भारत में अनेक गर्भवती औरतें रोज मर जाती हैं। जो औरतें बच जाती हैं, वे इस तरह के गर्भपातों के कारण शर्म और बीमारियों का शिकार हो जाती हैं। अब सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐसी ही महिला के मामले पर विचार करते हुए सभी महिलाओं को गर्भपात की छूट दे दी है। जाहिर है कि संसद अब इस आदेश को लागू करने के लिए कानून बनाएगी। इसके साथ-साथ अदालत ने यह भी माना है कि यदि कोई विवाहित स्त्री अपने पति के बलात्कार के कारण गर्भवती हुई है तो उसे भी गर्भपात की छूट देनी चाहिए। यह जरूरी नहीं है कि जो भी अविवाहित महिला गर्भवती होती है, वह व्यभिचार के कारण ही होती है। इसके अलावा गर्भपात के लिए अन्य कई अनिवार्य कारण भी बन जाते हैं। उन सब पर विचार करते हुए अदालत का उक्त फैसला काफी सही लगता है लेकिन डर यही है कि इसके कारण देश में व्यभिचार और बलात्कार की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जैसा कि यूरोप और अमेरिका में होता है। 

दुनिया के 67 देशों में गर्भपात की अनुमति सभी महिलाओं को है। कुछ देशों में गर्भपात करवाने के पहले उसका कारण बताना जरूरी होता है। हालांकि दुनिया के 24 देशों में अभी भी गर्भपात को अपराध ही माना जाता है। भारत में गर्भपात की अनुमति को व्यापक करके सर्वोच्च न्यायालय ने स्त्री-स्वातंत्र्य को आगे बढ़ाया है लेकिन तलाक के पेचीदा कानून में भी तुरंत सुधार की जरूरत है। तलाक की लंबी मुकदमेबाजी और खर्च से भी लोगों का छुटकारा होना चाहिए। इस संबंध में संसद कुछ पहल करे तो बेहतर होगा।

Web Title: Abortion rights for women Will increase in the incidence of adultery and rape in the country

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