लाइव न्यूज़ :

नवीन जैन का ब्लॉग: सकारात्मकता बढ़ाता है संगीत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 21, 2019 06:26 IST

आज की भागदौड़ से भरी जिंदगी में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी परेशानी या रोग का शिकार है. ऐसे में भारतीय संगीत विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोधों से पता चला है कि संगीत सुनने से रक्त प्रवाह सामान्य बना रहता है. इससे रक्त संबंधी रोगों तथा हृदय रोग में राहत मिलती है.

Open in App

दुनिया में शायद ही कोई मनुष्य ऐसा होगा जिसे संगीत प्यारा न लगता हो. प्राचीनकाल से मनुष्य संगीत प्रेमी रहा है. हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण को बांसुरीवाला कहा गया है. वहीं अकबर ने संगीतकार तानसेन को नवरत्न की उपाधि से नवाजा था. संगीत का संबंध देवी-देवताओं से भी जोड़ा गया है. संगीत की इन्हीं विभिन्न खूबियों की वजह से विश्व में संगीत के नाम एक दिन दर्ज है और इस दिन को विश्व में संगीत दिवस  के नाम से जाना जाता है. 

इसकी शुरुआत 21 जून 1982 को फ्रांस में हुई थी. कहा जाता है कि इस दिन फ्रांस में सार्वजनिक अवकाश होता है तथा कोई घर में टिकता नहीं है. हर फ्रांसीसी सड़क पर उतर आता है. कुछ गाना, कुछ बजाना, कुछ थिरकना या फिर कुछ सुनना. जुनून इस कदर हावी रहता है कि जब सड़कों पर पांव धरने की जगह नहीं बचती तो लोग अपने-अपने घरों की छतों पर संगीत का प्रदर्शन शुरू कर देते हैं.  दुनिया के 32 से अधिक देशों में संगीत प्रेमी अपने-अपने तरीके से इस दिन को यादगार बनाते हैं.

आज की भागदौड़ से भरी जिंदगी में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी परेशानी या रोग का शिकार है. ऐसे में भारतीय संगीत विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोधों से पता चला है कि संगीत सुनने से रक्त प्रवाह सामान्य बना रहता है. इससे रक्त संबंधी रोगों तथा हृदय रोग में राहत मिलती है.  

संगीत सुनने की आदत जोश तथा प्रेरणा देती है. संगीत के प्रति बच्चों का झुकाव उनकी बातचीत को प्रभावी बनाता है. सोचने-समझने की क्षमता पर अच्छा प्रभाव डालता है. नियमित संगीत सुनना बुढ़ापे की प्रक्रिया को कम करता है. डिमेंशिया के शिकार लोगों पर भी इसका असर अच्छा होता है. विशेषज्ञों के अनुसार धीमी गति का संगीत सुनना शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर सुकून देता है.

याददाश्त खो चुके लोगों को संगीत की सहायता से उनकी पुरानी यादें याद करने में मदद मिलती है. अब डॉक्टर सर्जरी में भी संगीत की ध्वनि तरंगों का उपयोग करने लगे हैं. विश्व के सभी देशों में छोटे बच्चों को सुलाने के लिए लोरी गाई जाती है. एक अध्ययन के अनुसार जब महिलाएं अपने बच्चे के लिए लोरी गाती हैं तो उस वक्त मां की नकारात्मक भावनाएं भी खत्म हो जाती हैं. 

टॅग्स :संगीतहेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्य1,738 पुरुषों की जांच, क्या दवा हिंसा और घरेलू हिंसा को कम कर सकती?, देखिए रिपोर्ट में बेहद दिलचस्प खुलासा

स्वास्थ्यUP: 972 सीएचसी और 3735 पीएचसी में वेंटिलेटर बेड नहीं, मरीजों को हो रही दिक्कत

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार