शोभना जैन का ब्लॉग: सुन्न व्यवस्था से सवाल पूछता चिली का शोक-गीत

By शोभना जैन | Published: December 7, 2019 07:12 AM2019-12-07T07:12:20+5:302019-12-07T07:12:20+5:30

आंकड़ों के अनुसार लातिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों में पिछले वर्ष 3500 महिलाएं जेंडर जनित हिंसा में मारी गई हैं.

Chile's mourning question asks a numb arrangement | शोभना जैन का ब्लॉग: सुन्न व्यवस्था से सवाल पूछता चिली का शोक-गीत

शोभना जैन का ब्लॉग: सुन्न व्यवस्था से सवाल पूछता चिली का शोक-गीत

Highlightsएक तरफ जहां भारत में निरंतर बढ़ते जेंडर अपराधों और खास तौर पर इन अपराधों की भयावहता को लेकर आक्रोश चरम पर है,लातिन अमेरिकी देश चिली में इन दिनों जेंडर अपराधों को लेकर महिलाओं द्वारा गाया जा रहा एक विरोध गीत या सही मायने में कहें तो ‘शोक-गीत’ तेजी से दुनिया भर में गाया जा रहा है

एक तरफ जहां भारत में निरंतर बढ़ते जेंडर अपराधों और खास तौर पर इन अपराधों की भयावहता को लेकर आक्रोश चरम पर है, वहीं लातिन अमेरिकी देश चिली में इन दिनों जेंडर अपराधों को लेकर  महिलाओं द्वारा गाया जा रहा एक  विरोध गीत या सही मायने में कहें तो ‘शोक-गीत’ तेजी से दुनिया भर में गाया जा रहा है. यह शोक-गीत दुनिया की हर औरत की व्यथा का गान बनता है जो सवाल पूछता है कि क्या औरत होना उस की सजा है?  सवाल यह है कि इस शोक-गीत की गूंज क्या ऐसे समाज में असर दिखा पाएगी जहां चीखें, गुहार अक्सर सुनी ही नहीं जातीं.


पिछले 6 सप्ताह से अधिक वक्त से चिली में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन के साथ-साथ अब वहां महिलाएं अपने खिलाफ अपराध और यौन हिंसा को लेकर निरंतर बढ़ती घटनाओं  को लेकर भी उबल रही हैं, सड़कों पर उतर रही हैं, इन  प्रदर्शनों में यौन हिंसा के विरोध में महिलाएं एक लय और एक ताल के साथ  एक गीत गाकर खास अंदाज में भी प्रदर्शन कर रही हैं. वास्तव में यह लय ताल के संगम के साथ की गई मुखर विरोध अभिव्यक्ति का शोक-गीत है. पेरिस, बार्सिलोना, मेक्सिको सिटी जैसे शहरों में इस तरह के  शोक गीत के जरिये  महिलाएं  प्रदर्शन कर चुकी हैं.

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार लातिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों में पिछले वर्ष 3500 महिलाएं जेंडर जनित हिंसा में मारी गई हैं. चिली की राजधानी सैंटियागो में इस सप्ताह हर उम्र की महिलाएं यौन हिंसा का विरोध करने के लिए एक खास तरीके से काले कपड़ों में पहुंचीं. महिलाओं ने लाल स्कार्फ पहनकर आंखों पर काली पट्टियां बांध कर प्रदर्शन किया. महिलाओं ने प्रदर्शन के दौरान एक विशेष गीत गाया, जो अब धीरे-धीरे दुनिया भर में जेंडर अपराधों के खिलाफ मुखर विरोध अभिव्यक्ति बनता जा रहा है. गीत  ‘मेरी कोई गलती नहीं है..न ही गलती यह थी कि मैं कहां थी और न ही मैंने कैसे कपड़े पहने थे.. बलात्कारी तुम हो.’ महिलाओं का बहुत बड़ा समूह लय और ताल के साथ इस गीत के बोल के साथ नृत्य करते सोशल मीडिया पर छा गया है.


चिली में प्रदर्शनकारियों को खिलाड़ियों, कलाकारों और जानी-मानी हस्तियों का भी समर्थन मिल रहा है.  चिली की फुटबॉल टीम ने भी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में एक मैच नहीं खेलने का ऐलान किया है. चिली लातिन अमेरिका का धनी देश रहा है, लेकिन यहां गैर-बराबरी बड़ी समस्या है. चिली के राष्ट्रपति ने नए सामाजिक सुधार लागू करने का वादा किया था जिसमें न्यूनतम मानदेय, वेतन और पेंशन सुधार शामिल हैं.
लेकिन आखिर में सवाल फिर वही है..इस तरह के शोक-गीत कब असर दिखाएंगे?

Web Title: Chile's mourning question asks a numb arrangement

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