कपिल देवः जिनकी कप्तानी में भारत ने जीता था पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप, दुआ कर रहा देश कि वे जल्दी ठीक हो जाएं....
By प्रदीप द्विवेदी | Published: October 23, 2020 09:44 PM2020-10-23T21:44:43+5:302020-10-23T21:46:06+5:30
दिग्गज भारतीय क्रिकेटर कपिल देव को गुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई...
25 जून 1983, वह तारीख, जो भारत का हर क्रिकेट-प्रेमी कभी नहीं भूल सकता, जब भारतीय क्रिकेट टीम ने कपिल देव की कप्तानी में पहली बार वर्ल्ड कप जीता था और यह दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो गया.
खबर है कि दिग्गज भारतीय क्रिकेटर कपिल देव को गुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई है. यह खबर के आने के बाद से ही उनके चाहने वाले, क्रिकेट जगत और बाॅलीवुड के सितारे, क्रिकेट के इस सुपर स्टार के जल्दी स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं.
कपिल देव की कप्तानी में क्रिकेट वर्ल्ड कप की जीत पर डायरेक्टर कबीर खान के निर्देशन में बनी फिल्म 83 में टीम के मैनेजर की भूमिका में नजर आने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी का न्यूज चैनल से कहना था कि- हम प्रार्थना करेंगे भगवान से कि जल्दी से जल्दी वो स्वस्थ और सेहतमंद हो जाएं. वो हमारे धरोहर हैं, हमारे देश के, और उतने ही अद्भुत व्यक्ति हैं. बस हमारी प्रार्थनाएं हैं, जल्दी ठीक हो जाएं.
यही नहीं, रितेश देशमुख, सोफी चौधरी, रिचा चड्ढा, राहुल देव सहित अनेक बॉलीवुड सिलेब्रिटीज ने कपिल देव के जल्दी स्वस्थ होने के लिए दुआ मांगी है.
उल्लेखनीय है कि 25 जून 1983 के दिन लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए फाइनल मैच में भारतीय टीम 183 रनों पर आउट हो गई थी और सामने थी सबसे मजबूत टीम- वेस्ट इंडीज़, लेकिन उसे 140 रन पर ऑल आउट कर भारतीय टीम ने वह कर दिखाया, जिसका भरोसा किसी को भी नहीं था, क्योंकि वेस्ट इंडीज़ की टीम में तब क्लाइव लॉयड, विवियन रिचर्ड्स जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे.
कपिल देव ने अपने क्रिकेट की शुरुआत 1975 में हरियाणा की ओर से घरेलू क्रिकेट से की थी. जब उन्हे विश्व कप की कप्तानी का मौका मिला तब भी उन्हें उतना मजबूत नहीं माना गया था, परन्तु पहला विश्वकप जीत कर उन्होंने सबकी धारणाओं को धराशायी कर दिया. उन्होंने 1992 के विश्व कप में अपना अंतिम अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला. उन्होंने एक दिवसीय क्रिकेट में 225, तो टेस्ट क्रिकेट में 131 मैच खेले. वर्ष 1983 के विश्वकप के दौरान ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध उनकी 175 रन की यादगार पारी रही, जिसकी बदौलत भारत वह मैच जीत गया था. कपिल देव ने 1994 में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
देशवासियों की दुआओं और उनके आत्मविश्वास की बदौलत कपिल देव ने हर चुनौती का कामयाब जवाब दिया है और उनके चाहने वालों को भरोसा है कि इस बार भी वे चुनौती को मात देंगे!