World Economic Forum 2025: महाराष्ट्र के लिए उम्मीद के नए करार?, 1600000 रोजगार का सृजन

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: January 24, 2025 11:46 AM2025-01-24T11:46:57+5:302025-01-24T11:48:22+5:30

World Economic Forum 2025: तीन दिनों में 16 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के करार हो चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस भारी-भरकम निवेश से महाराष्ट्र में करीब 16 लाख रोजगार का सृजन होगा.

World Economic Forum 2025 Davos Devendra Fadnavis Mega 2030 Vision Maharashtra Leap To AI & EV Hub New agreements hope Creation of 16 lakh jobs | World Economic Forum 2025: महाराष्ट्र के लिए उम्मीद के नए करार?, 1600000 रोजगार का सृजन

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Highlights रिलायंस इंडस्ट्रीज, अमेजन, अदानी और जिंदल समूह जैसे बड़े उद्योग शामिल हैं. रियल एस्टेट क्षेत्रों में 3,05,000 करोड़ के निवेश का करार किया है.मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनकी टीम ने काफी मेहनत की है.

World Economic Forum 2025: स्विट्ज‌रलैंड के दावोस से एक के बाद एक करार की खबरों ने महाराष्ट्र के लोगों की उम्मीदों को नये पंख लगा दिए हैं. वर्ल्ड इकोनाॅमिक फोरम की बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जिस तरह से औद्योगिक घरानों को लुभाया, वह काबिले तारीफ है और उनके प्रशासनिक तौर-तरीकों के प्रति उद्योग जगत की बड़ी स्वीकारोक्ति भी है. तीन दिनों में 16 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के करार हो चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस भारी-भरकम निवेश से महाराष्ट्र में करीब 16 लाख रोजगार का सृजन होगा.

महत्वपूर्ण बात यह है कि निवेश के लिए करार करने वालों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, अमेजन, अदानी और जिंदल समूह जैसे बड़े उद्योग शामिल हैं. यह भी कम महत्वपूर्ण नहीं है कि जो करार हुए हैं उसके निवेश का दायरा पूरे महाराष्ट्र में है. रिलायंस समूह ने पेट्रोकेमिकल्स, पॉलिस्टर, नवीकरणीय ऊर्जा, बायोएनर्जी, हरित हाइड्रोजन, ग्रीन केमिकल्स, औद्योगिक विकास, रिटेल, डेटा सेंटर, टेलिकॉम, आतिथ्य और रियल एस्टेट क्षेत्रों में 3,05,000 करोड़ के निवेश का करार किया है.

अनंत अंबानी का यह बयान स्वागत योग्य है कि महाराष्ट्र को एक  ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है. दूसरे औद्योगिक घरानों ने भी निवेश में विविधता को प्रदर्शित किया है. जिस तरह के निवेश का करार हुआ है, उसे देखकर लगता है कि वर्ल्ड इकोनाॅमिक फोरम के पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनकी टीम ने काफी मेहनत की है.

इस बात की खास पड़ताल की है कि प्रदेश के किस हिस्से को किस तरह के निवेश की जरूरत है. इस तरह का करार कोई एक दिन का काम नहीं होता है बल्कि इसके लिए तैयारी में लंबा समय लगता है. एक-एक मु्द्दे की विवेचना करनी होती है, संबंधित उद्योगों के संचालनकर्ताओं के साथ गंभीर बातचीत करनी होती है और सबसे बड़ी बात कि उद्योगों के मन में भरोसा जताना होता है कि शासन और प्रशासन उनकी सारी समस्याओं का समाधान भी करेगा. इस मामले में देवेंद्र फडणवीस ने बड़ी विश्वसनीयता कायम की है.

राज्य के मुखिया के रूप में अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने इस बात पर खास ध्यान दिया था कि महाराष्ट्र में उद्योगों के लिए सहूलियत पैदा की जाए. एकल खिड़की प्रणाली उनकी बड़ी पहल थी. अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने अपनी बड़ी सोच को प्रदर्शित भी किया था और काम पूरा करने के संकल्प को भी परिलक्षित किया था.

उदाहरण तो कई हैं लेकिन सबसे बड़ा उदाहरण समृद्धि महामार्ग को माना जा सकता  है. इसका बड़ा हिस्सा संचालित हो रहा है और उम्मीद की जा रही है कि इसी साल मुंबई तक का रास्ता पूरा हो जाएगा. जहां से भी यह सड़क गुजरी है वहां समृद्धि की नई इबारत लिखी जा रही है.

इसी तरह की विश्वसनीयता का नतीजा है कि उद्योगों ने देवेंद्र फडणवीस पर भरोसा दिखाया है. जाहिर सी बात है कि इस निवेश से महाराष्ट्र को तो अर्थिक गति मिलेगी ही, कई प्रस्तावित उद्योगों के महाराष्ट्र से बाहर चले जाने पर विपक्ष जो आरोप लगाता रहा है, उससे भी महायुति की सरकार को थोड़ी राहत मिलेगी.

दावोस में हुए करार के बाद सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वह शीघ्रता करे और ऐसा महौल उद्योगों को दे कि निवेश ज्यादा तेजी से आए और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ें. महाराष्ट्र का जलवा कायम रहना चाहिए.

Web Title: World Economic Forum 2025 Davos Devendra Fadnavis Mega 2030 Vision Maharashtra Leap To AI & EV Hub New agreements hope Creation of 16 lakh jobs

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