ब्लॉगः रूस और ब्रिटेन, दोनों ही भारत की नीति से संतुष्ट, कई यूरोपीय देशों के दरवाजे भी भारतीय माल के लिए खुलेंगे
By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 31, 2022 03:18 PM2022-10-31T15:18:13+5:302022-10-31T15:18:41+5:30
ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री बनते ही अपने विदेश मंत्री को सबसे पहले भारत भेजा है। मोदी और सुनक की बातचीत से मुक्त व्यापार का रास्ता काफी साफ हुआ है।
भारतीय विदेश नीति की दो उपलब्धियों ने मेरा ध्यान बरबस खींचा। एक तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा भारत की सराहना और दूसरी भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हुई बातचीत। इन मुद्दों पर यह शक बना हुआ था कि भारत की नीति से इन दोनों राष्ट्रों को कुछ न कुछ ऐतराज जरूर है लेकिन वे संकोचवश खुलकर बोल नहीं रहे थे। अब यह स्पष्ट हो गया है कि रूस और ब्रिटेन, दोनों ही भारत की नीति से संतुष्ट हैं और उनके संबंध भारत से दिनोंदिन घनिष्ठ होते चले जाएंगे।
पहले हम रूस को लें। भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले का कभी दबी जुबान से भी समर्थन नहीं किया लेकिन उसने अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्रों की तरह रूस के विरुद्ध आग भी नहीं बरसाई। शायद इसी का असर है कि पुतिन ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की जमकर तारीफ की है। यह तब है जब भारत अमेरिका के साथ कई मोर्चों पर पूरी तरह सहयोग कर रहा है। चीन को इससे काफी जलन हो रही है लेकिन भारत के बारे में रूस का मूल्यांकन सही है। इसी तरह ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार समझौते के संपन्न होने के पूरे आसार दिखाई पड़ने लगे हैं। ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री बनते ही अपने विदेश मंत्री को सबसे पहले भारत भेजा है। मोदी और सुनक की बातचीत से मुक्त व्यापार का रास्ता काफी साफ हुआ है। उम्मीद है कि कुछ दिनों में यदि उक्त समझौता हो गया तो अन्य कई यूरोपीय देशों के दरवाजे भी भारतीय माल के लिए खुल जाएंगे।