Punjab water crisis: पंजाब के रेगिस्तान बन जाने का खतरा?, 18 साल में केवल 5 फीसदी क्षेत्र में ही भूजल बचेगा
By पंकज चतुर्वेदी | Published: December 13, 2024 05:25 AM2024-12-13T05:25:29+5:302024-12-13T05:25:29+5:30
Punjab water crisis: पंजाब के खेतों की सालाना पानी की मांग 43.7 लाख हेक्टेयर मीटर है और इसका 73 फीसदी भूजल से उगाहा जा रहा है.
Punjab water crisis: खेती किसानी के कारण देश के सबसे खुशहाल राज्यों में से एक पंजाब पर रेगिस्तान होने का खतरा बढ़ते जा रहा है. यदि देश के नक्शे को ध्यान से देखें तो राजस्थान के रेतीले टिब्बे , हरे-भरे पंजाब से ज्यादा दूर नहीं रहे हैं. वह तो यहां बहने वाली पांच नदियों ने इसे हर समय पानीदार और अन्नपूर्णा बनाए रखा. पिछले कुछ सालों के दौरान खेतों में धान उगाने के चक्कर में यहां का पानी चुकता गया और धरती जहरीली होती गई. पंजाब के खेतों की सालाना पानी की मांग 43.7 लाख हेक्टेयर मीटर है और इसका 73 फीसदी भूजल से उगाहा जा रहा है.
यही नहीं राज्य की नदियों में जल की उपलब्धता भी 17 मिलियन एकड़ फुट से घट कर 13 मिलियन एकड़ फुट रह गई है. पंजाब मृदा संरक्षण और केंद्रीय भूजल स्तर बोर्ड के एक संयुक्त सैटेलाइट सर्वें में यह बात उभर कर आई थी कि यदि राज्य ने इसी गति से भूजल दोहन जारी रखा तो आने वाले 18 साल में केवल पांच फीसदी क्षेत्र में ही भूजल बचेगा.
सभी भूजल स्रोत पूरी तरह सूख जाएंगे और आज के बच्चे जब जवान होंगे तो उनके लिए न केवल जलसंकट, बल्कि जमीन के तेजी से रेत में बदलने का संकट भी खड़ा होगा. इसरो का एक शोध बताता है कि थार रेगिस्तान अब राजस्थान से बाहर निकल कर कई राज्यों में जड़ जमा रहा है.
हमारे 32 प्रतिशत भूभाग की उर्वर क्षमता कम हो रही है, जिसमें से महज 24 फीसदी ही थार के इर्दगिर्द के हैं. सन 1996 में थार का क्षेत्रफल एक लाख 96 हजार 150 वर्ग किलोमीटर था जो कि आज दो लाख आठ हजार 110 वर्ग किलोमीटर हो गया है.