Pravasi Bharatiya Divas highlights: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी को ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय जहां भारत के प्रवासी भारत के विकास में बड़ा योगदान दे रहे हैं, वहीं भारत के टैलेंट का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. हमारे प्रोफेशनल दुनिया की बड़ी कंपनियों के जरिए ग्लोबल ग्लोब में अपना अभूतपूर्व योगदान रहे हैं. वस्तुतः विदेशों में भारत के प्रवासी भारत के राजदूत हैं और अपने-अपने देशों में प्रभाव रखते हैं.
ऐसे में अब भारत ने 2024 तक विकसित देश बनने का जो लक्ष्य रखा है, उस लक्ष्य को पाने के लिए प्रवासी भारतीयों से नए सहयोग की अपेक्षा है. अपेक्षा है कि प्रवासी भारत की विभिन्न परियोजनाओं में स्वयं निवेश करें और अपने विदेशी मित्रों को भी निवेश के लिए प्रेरित करें. उल्लेखनीय है कि 18वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के बाद प्रवासी विकास में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने के लिए प्रेरित हुए हैं.
इस सम्मेलन में शामिल कई प्रवासी उद्यमी और कारोबारी यह कहते हुए दिखाई दिए कि नए वर्ष 2025 में भारतीय प्रवासियों से एफडीआई से संबंधित उजली संभावनाओं को मुट्ठी में लेने के लिए यह जरूरी होगा कि भारत विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने, नियामक बाधाओं को हटाने, बुनियादी ढांचे के विकास, व्यापार-कारोबार में बेहतरी, निवेश की क्षेत्रीय सीमाओं को उदार बनाने, नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, नौकरशाही संबंधी बाधाओं को कम करने और कॉर्पोरेट को उनके विवादों को सुलझाने में मदद करने के लिए न्यायिक परिवेश बेहतर बनाने की डगर पर आगे बढ़े.
गौरतलब है कि प्रवासी भारतीयों ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के द्वारा जारी रिपोर्ट पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया, जिसके मुताबिक देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 तक 1000 अरब डॉलर को पार कर गया है. खासतौर से चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से सितंबर 2024 के दौरान 42.1 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है.
यह निवेश 60 सेक्टर, 31 राज्य और केंद्र शासित क्षेत्रों में रहा है तथा यह एफडीआई का यह अब तक का रिकॉर्ड प्रवाह है. खास बात यह भी है कि वर्ष 2014 के बाद से अब तक पिछले 10 वर्षों में 667.4 अरब डॉलर का एफडीआई आया है. भारत के आर्थिक विकास की यात्रा में एफडीआई का यह विशाल आकार एक बड़ी उपलब्धि है.
हम उम्मीद करें कि इस वर्ष 2025 में सरकार प्रवासी भारतीयों और उनके विदेशी मित्रों से भारत के लिए अधिक एफडीआई प्राप्त करने के नए रणनीतिक प्रयास करेगी. साथ ही एफडीआई के लिए भारत को पसंदीदा देश बनाए जाने की बहुआयामी संभावनाओं को साकार करने के लिए सरकार और अधिक प्रयास करेगी.
हम उम्मीद करें कि नए वर्ष 2025 में भारत की विशाल कौशल प्रशिक्षित युवा आबादी नवाचार, तकनीकी और डिजिटल नवोन्मेषों के साथ भारत को दुनिया के विदेशी निवेशकों की नजरों में और अधिक पसंदीदा देश बनाने की डगर पर तेजी से आगे कदम बढ़ाएगी. इससे देश को 2047 तक विकसित देश बनाने की डगर पर आगे बढ़ने में भी मदद मिलेगी.