जयंतीलाल भंडारी ब्लॉग: अब बंदरगाहों से निर्यात बढ़ने का दौर
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 30, 2024 09:35 AM2024-09-30T09:35:01+5:302024-09-30T09:35:27+5:30
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक देश दुनिया की खाद्य टोकरी बनता जा रहा है और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में अब निर्यात लागत घटने के कारण खाद्य प्रसंस्करण निर्यात और बढ़ेंगे।
हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बढ़ते विदेश व्यापार घाटे, लाल सागर में बढ़ते संकट और कंटेनरों की किल्लत की चिंताओं के बीच बंदरगाहों से विदेश व्यापार बढ़ाने और निर्यातकों की सहायता के लिए अहम फैसले लिए हैं। इन फैसलों के तहत शिपिंग कॉर्पोरेशन बड़े कंटेनर जहाज चलाएगी। बंदरगाह शुल्क में कटौती की जाएगी तथा निर्यात की खेपों को जल्दी भेजने के लिए प्रक्रिया में तेजी के उपाय शामिल हैं।
पिछले दिनों 16 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर नए तूतीकोरिन अंतरराष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल का उद्घाटन करते हुए अपने संदेश में कहा कि यह टर्मिनल भारत के मरीन इंफ्रास्ट्रक्चर का नया सितारा है। इस नए टर्मिनल से वी. ओ. चिदंबरनार पोर्ट के सामर्थ्य में भी विस्तार होगा। खास बात यह भी है कि बंदरगाह से निर्यात बढ़ाने के नए फैसलों से देश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के निर्यात भी बढ़ेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक देश दुनिया की खाद्य टोकरी बनता जा रहा है और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में अब निर्यात लागत घटने के कारण खाद्य प्रसंस्करण निर्यात और बढ़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस समय देश के वैश्विक व्यापार को बढ़ाने और निर्यात के ऊंचे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बंदरगाहों के आधुनिकीकरण के साथ उन्हें समुद्री व्यापार के लिए प्रतिस्पर्धी बनाने की रणनीति के साथ तेजी से आगे बढ़ा जा रहा है। विगत 30 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपए की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वधावन देश का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह होगा।
इस परियोजना का उद्देश्य भारत में एक विश्वस्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है, जो बड़े कंटेनर जहाजों की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि वधावन बंदरगाह भारत के सबसे बड़े गहरे पानी के बंदरगाहों में से एक होगा। यह अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों को सीधा संपर्क प्रदान करेगा, जिससे पारगमन समय और लागत कम होगी। यह बंदरगाह भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा।
हम उम्मीद करें कि हाल ही में 19 सितंबर को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बंदरगाहों से निर्यात बढ़ाने के लिए जो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, उनके कारगर क्रियान्वयन पर शुरू से ही ध्यान दिया जाएगा। हम उम्मीद करें कि वधावन देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह के रूप में भारत के समुद्री व्यापार की नई धुरी बनेगा।