कर्नाटक सरकार द्वारा ओला कैब पर बैन लगाना भारत के 'स्टार्टअप कल्चर' की हत्या है!

By विकास कुमार | Published: March 23, 2019 03:51 PM2019-03-23T15:51:53+5:302019-03-23T15:57:47+5:30

बैंगलोर की पहचान भारत के 'सिलिकॉन वैली' के रूप में होती है. तकनीक के नए आयामों को जन्म देने वाले शहर में 6 बिलियन डॉलर की कंपनी पर बैन लगाना वाकई भारत के 'स्टार्टअप कल्चर' की हत्या है. कर्नाटक में 75 हजार कैब ड्राईवर के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है.

Karnatak Government bans ola cab is a political decision, Shradha sharma appeals PM MODI | कर्नाटक सरकार द्वारा ओला कैब पर बैन लगाना भारत के 'स्टार्टअप कल्चर' की हत्या है!

कर्नाटक सरकार द्वारा ओला कैब पर बैन लगाना भारत के 'स्टार्टअप कल्चर' की हत्या है!

Highlightsकर्नाटक में ओला कैब के 75 हजार ड्राईवर के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है.योरस्टोरी की सीईओ श्रद्धा शर्मा ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले की आलोचना की है.ओला कैब की मार्केट वैल्यू 5.7 बिलियन डॉलर है.

कर्नाटक सरकार ने ओला कैब पर 6 महीने का बैन लगाया है. परिवहन मंत्रालय द्वारा ओला बाइक लांच करने के लिए यह कदम उठाया गया है. मंत्रालय के मुताबिक, ओला कैब ने बैंगलोर सिटी में ओला बाइक सर्विस की शुरुआत करने से पहले कर्नाटक सरकार से किसी भी प्रकार की मंजूरी नहीं ली थी. इसके कारण 6 महीने का प्रतिबन्ध लगाया गया है. ओला कैब ने सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. 

ओला कैब को वर्ष 2010 में मुंबई से लांच किया गया था. बैंगलोर में अपनी सेवाएं शुरू करने के बाद ओला को वो पहचान मिली जिसकी दरकार हर स्टार्टअप कंपनी को होती है. आज ओला कैब का  नाम उन स्टार्टअप में शुमार किया जाता है जिसने भारत के बाहर भी अपनी सेवाएं शुरू की है. ओला कैब की मार्केट वैल्यू 5.7 बिलियन डॉलर है. बाजार कीमत के मामले में पेटीएम के बाद ओला देश की दूसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनी है. कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल हैं. 

राजनीतिक सत्ता का अहंकार 

मोदी सरकार ने 2014 में सरकार बनाने के बाद स्टार्टअप कंपनियों को लेकर कई छूट का एलान किया था. देश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए बाकायदा स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम लांच किया गया था. कर्नाटक सरकार का यह फैसला बताता है कि राजनीतिक सत्ता के अहंकार के आगे देश की अर्थव्यवस्था को पंख देने वाले कुशल युवाओं को भी दबाया जा रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले कंपनी की सेवाओं को रोकने के पीछे राजनीतिक कारण भी हो सकते हैं. 

राजनीतिक बैन 

ओला कैब का विरोध बैंगलोर में कोई नई बात नहीं है. राज्य के रिक्शाचालक ओला के सस्ते दरों का लगातार विरोध करते रहे हैं. लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि ओला ने कस्टमर की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए टैक्सी सर्विस को मिडिल क्लास फ्रेंडली बनाने का काम किया है. देर रात ऑटोरिक्शा वालों द्वारा मनमाने तरीके से वसूले जाने वाले किराये से निजात दिलाने का श्रेय भी ओला कैब को ही जाता है.  

ओला कैब भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और ब्रिटेन में भी अपनी सेवाएं दे रहा है. कंपनी के कूल क्रमचारियों की संख्या 6 हजार के आसपास है. ओला कैब का हेडक्वार्टर बैंगलोर में स्थित है. 

श्रद्धा शर्मा की पीएम मोदी से अपील 

स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देने वाली कंपनी योरस्टोरी की सीईओ श्रद्धा शर्मा ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. उन्होंने पीएम मोदी से इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है. उनके मुताबिक सरकार के इस फैसले के बाद कर्नाटक में ओला कैब के 75 हजार ड्राईवर के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है. 



 

श्रद्धा शर्मा की कंपनी योरस्टोरी स्टार्टअप से जुड़े मुद्दों के ऊपर ही लिखती है और बीते कुछ सालों में इस कंपनी ने देश के स्टार्टअप कल्चर में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है. 

ओला कैब ने देश के परिवहन विभाग में क्रांति लाने का काम किया है. इसने न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिला बल्कि असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र में बदलने का काम किया है. कर्नाटक सरकार के इस फैसले की आलोचना जितनी की जाए उतनी कम है.

बैंगलोर की पहचान भारत के सिलिकॉन वैली के रूप में रही है लेकिन तकनीक के नए आयामों को जन्म देने वाले शहर में  6 बिलियन डॉलर की कंपनी पर बैन लगाना वाकई भारत के स्टार्टअप कल्चर की हत्या है. 

Web Title: Karnatak Government bans ola cab is a political decision, Shradha sharma appeals PM MODI

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