जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: वस्त्रोद्योग क्षेत्र बढ़ाएगा निर्यात और रोजगार

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: May 13, 2023 01:59 PM2023-05-13T13:59:15+5:302023-05-13T14:01:39+5:30

भारत वर्तमान में दुनिया में कपड़ों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है और वैश्विक रेडीमेड गारमेंट बाजार में अपना एकाधिपत्य जमाने को तैयार है.

Jayantilal Bhandari's blog: Textile sector will increase exports and employment | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: वस्त्रोद्योग क्षेत्र बढ़ाएगा निर्यात और रोजगार

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: वस्त्रोद्योग क्षेत्र बढ़ाएगा निर्यात और रोजगार

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इस समय देश ही नहीं दुनिया के टेक्सटाइल विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में सरकार जिस तरह टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा दे रही है, उससे इस सेक्टर में रोजगार के मौके छलांगें लगाकर बढ़ते हुए दिखाई देंगे. सरकार ने देश के सात राज्यों तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए अगले पांच सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखते हुए 4,445 करोड़ रुपए आवंटन की जिस पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क योजना को मंजूरी दी है और एक अप्रैल 2023 से जिस अभूतपूर्व नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) को लागू किया गया है, उससे वस्त्रोद्योग क्षेत्र में उत्पादन, निर्यात और रोजगार के मौके छलांगें लगातार बढ़ते हुए दिखाई देंगे.

यह बात महत्वपूर्ण है कि देश में टेक्सटाइल सेक्टर कृषि के बाद रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र भी है. इस समय टेक्सटाइल सेक्टर में करीब 4.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और करीब 6 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त है. जिस तरह इस समय टेक्सटाइल सेक्टर को रणनीतिक रूप से प्रोत्साहन दिया जा रहा है, उससे टेक्सटाइल उद्योग में अकुशल, अर्धकुशल, कुशल और महिला श्रम शक्ति के साथ-साथ नए कम्प्यूटर एआई पेशेवरों के लिए भी रोजगार के प्रचुर मौके निर्मित होंगे.  

गौरतलब है कि प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए पांच एफ (फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन) विजन और प्लग एंड प्ले एकीकृत बुनियादी ढांचे की आधुनिक अवधारणा पेश की है. वस्तुतः पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क एक ही स्थल पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण, रंगाई व छपाई से लेकर टेक्सटाइल निर्माण तक एक एकीकृत वस्त्र मूल्य श्रृंखला का अवसर प्रदान करते हुए दिखाई दे रहा है. 

प्रत्येक मेगा टेक्सटाइल पार्क से करीब एक लाख प्रत्यक्ष और दो लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे. ऐसे में पीएम मित्र पार्क दुनिया के लिए मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड की पहल के बेहतरीन उदाहरण बनेंगे और मेगा टेक्सटाइल पार्क के माध्यम से घरेलू निर्माताओं को अंतरराष्ट्रीय कपड़ा बाजार में समान मौके मिलेंगे. ऐसे में भारत का टेक्सटाइल निर्यात जो वर्ष 2021-22 में 44.4 अरब डॉलर  रहा है, वह वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को पार करते हुए दिखाई देगा.

उल्लेखनीय है कि भारत में टेक्सटाइल उद्योग शताब्दियों के समृद्ध इतिहास के साथ देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. इस समय टेक्सटाइल सेक्टर देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2 प्रतिशत से अधिक और मूल्य के संदर्भ में देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में करीब 7 प्रतिशत योगदान करता है.

वर्तमान में भारत दुनिया में कपड़ों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है तथा वैश्विक रेडीमेड गारमेंट बाजार में अपना एकाधिपत्य जमाने को तैयार है. भारत से होने वाले कुल टेक्सटाइल और परिधान निर्यात का सबसे अधिक करीब 27 प्रतिशत अमेरिका को किया जाता है. इसके बाद 18 प्रतिशत यूरोपीय संघ को, 12 फीसदी बांग्लादेश और 6 फीसदी संयुक्त अरब अमीरात को निर्यात किया जाता है.

इस समय देश में टेक्सटाइल के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन, निर्यात बढ़ाने तथा एक कुशल और एकीकृत कपड़ा क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए टेक्सटाइल सेक्टर के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है. बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के लिए तरजीही टैरिफ देने के कारण भारत से टेक्सटाइल निर्यात को नुकसान हुआ है.

बांग्लादेश चीनी धागों का आयात करता है, उन्हें अपने सस्ते श्रम का इस्तेमाल करके कपड़े बनाता है और बिना किसी आयात शुल्क के इस तरह के कपड़े भारत को निर्यात करता है. ऐसे में बांग्लादेश को दी गई शुल्क मुक्त बाजार की पहुंच भारत में चीनी वस्त्रों के अप्रत्यक्ष प्रवेश की सुविधा प्रदान कर रही है. देश में चीन और कुछ अन्य देशों से टेक्सटाइल के सस्ते आयात कुछ क्षेत्रों में घरेलू टेक्सटाइल उद्योग को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

नि:संदेह इस समय भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर के लिए टेक्सटाइल के वैश्विक बाजार में आगे बढ़ने तथा वैश्विक बाजार में प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनने के शानदार अवसर उभरकर दिखाई दे रहे हैं. ऐसे अवसर को मुट्ठी में करने के लिए टेक्सटाइल विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के साथ-साथ कई और बातों पर भी ध्यान देना होगा. 

हम उम्मीद करें कि एक अप्रैल को लागू की गई देश की नई विदेश व्यापार नीति में टेक्सटाइल सेक्टर को प्राथमिकता तथा पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क एवं टेक्सटाइल सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए लागू की गई प्रौद्योगिकी उन्नयन योजना, बुनियादी ढांचे के निर्माण और कौशल विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के कारगर क्रियान्वयन से भारत का टेक्सटाइल सेक्टर वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर निर्यात का लक्ष्य प्राप्त करते हुए कुल 250 अरब डॉलर कारोबार की ऊंचाई को पार करते हुए देश के प्रमुख रोजगार प्रदाता उद्योग के रूप में रेखांकित होते हुए दिखाई देगा.

Web Title: Jayantilal Bhandari's blog: Textile sector will increase exports and employment

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