China hits back at Trump tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वाॅर के बीच भारत की स्थिति क्या?
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: February 5, 2025 06:16 AM2025-02-05T06:16:09+5:302025-02-05T06:16:09+5:30
China hits back at Trump tariff: अमेरिका का 65 प्रतिशत व्यापार घाटा इन्हीं देशों से है. भारत के साथ यह आंकड़ा अमेरिकी घाटे का केवल 3.2 प्रतिशत है.

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China hits back at Trump tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी टैरिफ हमले की धमकी पर अमल शुरू कर दिया है. मैक्सिको और कनाडा पर टैक्स लगाने के बाद इसे एक महीने के लिए रोक दिया लेकिन चीन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लागू हो चुका है. चीन ने भी जवाबी टैरिफ बढ़ाने के साथ कहा है कि वह कानूनी रूप से भी लड़ेगा. ट्रम्प के जो तेवर हैं, उसमें कोई कानूनी अड़चन उन्हें रोक पाएगी, ऐसा कहीं से लगता नहीं है. अमेरिका का 65 प्रतिशत व्यापार घाटा इन्हीं देशों से है. भारत के साथ यह आंकड़ा अमेरिकी घाटे का केवल 3.2 प्रतिशत है.
ट्रम्प चाहते हैं कि कोई देश जितना माल अमेरिका को बेच रहा है तो उतना ही माल खरीदे भी. मैक्सिको जिन सामानों का निर्माण करता है, उसका 80 प्रतिशत से ज्यादा अमेरिका को बेचता है. इसी तरह कनाडा अपना 75 प्रतिशत से ज्यादा माल अमेरिका को बेचता है. ट्रम्प के टैक्स का असर यह होगा कि इन देशों से अमेरिका पहुंचने वाला सामान महंगा हो जाएगा.
इन्हें बेचने में अमेरिकी कंपनियों को परेशानी होगी. स्वाभाविक सी बात है कि अमेरिकी कंपनियां सामान के लिए दूसरे देशों का रुख करेंगी. दूसरे देशों से अमेरिका मोलभाव कर सकता है कि आप हमारी अमुक चीजें खरीदोगे तो हम आपसे अमुक चीजें खरीदेंगे. इस तरह वह अपना व्यापार घाटा कम करने की कोशिश करेगा.
लेकिन मैक्सिको, कनाडा और चीन जैसे देशों के लिए स्थिति गंभीर होती चली जाएगी. जब उत्पाद की मांग कम होगी तो स्वाभाविक रूप से उत्पादन रोकना होगा और नौकरियों पर संकट पैदा होगा. जहां तक चीन का सवाल है तो ट्रम्प का असली नजरिया यही है. लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चाहते हैं कि दुनिया में अमेरिका के प्रति अविश्वास का भाव पैदा हो और तब चीन सोची-समझी विश्वसनीयता के साथ आगे बढ़े. आज विश्व के करीब 120 देशों के साथ चीन के व्यापारिक संबंध हैं.
शी जिनपिंग के नजरिये से देखें तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब अमेरिका को ट्रम्प की नीतियों के कारण खुद ही परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. यदि हम भारतीय नजरिये से देखें तो सवाल पैदा होता है कि ट्रम्प क्या भारत पर भी टैरिफ हमला करेंगे? ट्रम्प धमकाते रहेंगे लेकिन जो भी करेंगे, संभल कर करेंगे. वे जानते हैं कि भारत बहुत बड़ा बाजार है.
चीन से जो उन्हें कमी होगी, भारत उसकी भरपाई कर सकता है. ई-कॉमर्स, वित्तीय और तकनीकी क्षेत्र की अमेरिकी कंपनियों का भारत में बड़ा हित है. सोशल नेटवर्किंग कंपनियां तो करीब-करीब भारत के भरोसे ही चल रही हैं. इसलिए ट्रम्प भारत के साथ सौदा करना चाहेंगे. भारत को भी इससे कोई गुरेज नहीं है.
हथियार और पेट्रोलियम, दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत अपना हित अमेरिका में देख सकता है. ट्रम्प की प्रिय बाइक हार्ले डेविडसन पर भारत ने उनके पहले कार्यकाल में ही टैक्स कम कर दिया था. कुछ और चीजों पर भारत छूट देने के लिए सहमत हो सकता है. ट्रम्प भी व्यापारी हैं. लाभ का सौदा वे भी करना चाहेंगे.