ब्लॉगः भारत दवाई उत्पादन के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर, 50 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा उद्योग
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: March 18, 2023 04:39 PM2023-03-18T16:39:33+5:302023-03-18T16:41:02+5:30
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दवाई क्षेत्र में दुनिया के बढ़ते विश्वास के मद्देनजर इस क्षेत्र में अधिक पूंजी लगाने, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव्स (पीएलआई) योजनाओं पर 30 हजार करोड़ से अधिक के निवेश तथा उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहा है।

ब्लॉगः भारत दवाई उत्पादन के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर, 50 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा उद्योग
छह मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वास्थ्य क्षेत्र पर बजट पश्चात वेबिनार’ को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार दवाई और चिकित्सा उपचार को सस्ता बनाने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी तब भारत ने देश सहित दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाओं, टीकों और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों के सुरक्षा कवच उपलब्ध कराए थे। अब भारत दुनिया की नई विश्वसनीय फार्मेसी और वैक्सीन हब के रूप में रेखांकित हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दवाई क्षेत्र में दुनिया के बढ़ते विश्वास के मद्देनजर इस क्षेत्र में अधिक पूंजी लगाने, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव्स (पीएलआई) योजनाओं पर 30 हजार करोड़ से अधिक के निवेश तथा उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहा है। इससे मानव स्वास्थ्य की देखभाल, अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर पैदा होने का नया परिदृश्य निर्मित होगा।
नि:संदेह इस समय देश का दवाई उद्योग घरेलू और वैश्विक मांग की पूर्ति करने के लिए छलांगें लगाकर आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है। इस समय दवाई उद्योग की वैश्विक श्रृंखला के बाधित होने से भारत की फॉर्मा कंपनियों को दुनिया के कोने-कोने में विभिन्न दवाइयों की आपूर्ति के आदेश लगातार मिल रहे हैं। इतना ही नहीं अमेरिका, यूरोप और रूस सहित अनेक देशों में दवाइयों की आपूर्ति में कमी के बीच दवाइयों के लिए दुनिया की निगाहें भारत की ओर लगी हुई हैं। ऐसे में देश के दवाई उद्योग को और मजबूती देने के लिए नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट महत्वपूर्ण दिखाई दे रहे हैं। नए बजट में वित्त मंत्री ने दवाई उद्योग के लिए अनुसंधान एवं नवाचार के जोरदार प्रावधान किए हैं। फार्मा उद्योग का शोध और अनुसंधान का जो बजट पिछले वर्ष 2022-23 में करीब 100 करोड़ रुपए का था, उसे बढ़ाकर इस नए बजट में करीब 1250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। फार्मा सेक्टर के विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे में इस समय जो भारतीय दवाई उद्योग करीब 50 अरब डॉलर रुपए के स्तर पर है वह 2030 तक 130 अरब डॉलर और 2047 तक करीब 450 अरब डॉलर पहुंचने की संभावनाएं रखता है। साथ ही यह सेक्टर सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम का लीडर बन सकता है।
गौरतलब है कि इस समय भारत दवाई उत्पादन की मात्रा के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है और दवाई के मूल्य के मद्देनजर 14वें क्रम पर है।