भरत झुनझनवाला का ब्लॉग: अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए टुकड़ों में बांटिए

By भरत झुनझुनवाला | Published: April 7, 2020 01:08 PM2020-04-07T13:08:47+5:302020-04-07T13:08:47+5:30

Bharat Jhunjhunwala's blog on coronavirus effect economy | भरत झुनझनवाला का ब्लॉग: अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए टुकड़ों में बांटिए

भरत झुनझनवाला का ब्लॉग: अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए टुकड़ों में बांटिए

Highlightsमहाराष्ट्र में कोरोना का संकट है तो उस संकट को दूसरे राज्यों में फैलने से रोकने के लिए कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात के चारों तरफ दीवार खड़ी कर देनी चाहिए. गर्मी से कोरोना वायरस के मर जाने के बाद अर्थव्यवस्था को कुछ गति मिल सकती है.

कोरोना वायरस का अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन प्रभाव तीन अनिश्चितताओं से निर्धारित होगा. पहली अनिश्चितता यह कि इसके नियंत्रण के लिए वैक्सीन का आविष्कार हो पाता है या नहीं. वैक्सीन के आविष्कार हो जाने से इस रोग को थामा जा सकेगा. इसके अभाव में यह रोग और बढ़ सकता है.

दूसरी अनिश्चितता यह कि गर्मी के मौसम में यह वायरस कितना स्वनियंत्रित होता है. गर्मी से इसके मर जाने के बाद अर्थव्यवस्था को कुछ गति मिल सकती है. गर्मी में यह छुप के रहा तो बाद में भी समस्या बनी रहेगी. तीसरी अनिश्चितता यह है कि सामान्य फ्लू की तरह इस वायरस से आम आदमी के शरीर में इम्युनिटी यानी प्रतिरोधक शक्ति का स्वत: विकास होता है या नहीं. यदि इम्युनिटी का विकास हुआ तो आने वाले समय में फ्लू आदि रोगों की तरह कोरोना का विस्तार सीमित हो जाएगा अन्यथा यह चलेगा.

यदि ये अनिश्चितताएं नियंत्रण की दिशा में बढ़ीं तो अर्थव्यवस्था शीघ्र ही पुन: पटरी पर आ जाएगी जैसे अंग्रेजी का ‘यू’ अक्षर होता है. लेकिन यदि ये अनिश्चितताएं विपरीत दिशा में गईं तो अर्थव्यवस्था का आकार अंग्रेजी के ‘एल’ अक्षर की तरह हो जाएगा और अर्थव्यवस्था नीचे के स्तर पर लंबे समय तक बनी रहेगी.

मेरे आकलन में कोरोना का सामना करने के लिए हमें अर्थव्यवस्था को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट देना चाहिए जैसे संयुक्त परिवार को साथ में बनाए रखने के लिए कभी कभी किचन को अलग करना होता है. हर राज्य के चारों तरफ दीवार खड़ी कर देनी चाहिए. जैसे यदि महाराष्ट्र में कोरोना का संकट है तो उस संकट को दूसरे राज्यों में फैलने से रोकने के लिए कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात के चारों तरफ दीवार खड़ी कर देनी चाहिए.

लोगों का अवागमन बंद कर देना चाहिए जिससे महाराष्ट्र का संकट महाराष्ट्र तक ही सीमित रहे और दूसरे राज्यों में न बढ़े. समस्या यह होगी कि कि यदि गुजरात में दूसरे राज्यों से लोगों का आवागमन सीमित हो गया तो गुजरात के उद्योगों को अपने ही कर्मियों, इंजीनियरों और डाक्टरों से अर्थव्यवस्था चलानी होगी. इस आवागमन के अवरुद्ध होने से गुजरात और महाराष्ट्र दोनों में ही उत्पादन लागत में वृद्धि होगी लेकिन हम आर्थिक संकट से उबर सकेंगे. अत: हमें तत्काल अर्थव्यवस्था को छोटे टुकड़ों में बांट कर मनुष्यों के आवागमन को इनके बीच सीमित करने की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे उन राज्यों में लॉकडाउन खोला जा सके जहां संक्रमण सीमित है.

Web Title: Bharat Jhunjhunwala's blog on coronavirus effect economy

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