बिहार-झारखंड में नक्सलियों के 7 ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी, हाथ लगे कई अहम दस्तावेज
By एस पी सिन्हा | Published: June 8, 2023 08:20 PM2023-06-08T20:20:10+5:302023-06-08T20:36:16+5:30
एनआईए ने पिछले साल 24 जून को इस मामले को बिहार पुलिस से अपने हाथ में लिया था। मामले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पटना: एनआईए ने गुरुवार को झारखंड और बिहार के सात स्थानों पर एक साथ छापेमारी की है। एनआईए ने सीपीआई (माओवादी) नरेश सिंह भोक्ता की हत्या के सिलसिले में यह कार्रवाई की है। इस दौरान एनआईए ने बिहार के गया और औरंगाबाद जिले और झारखंड के पलामू जिले में आरोपियों और संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों की तलाशी ली है।
एजेंसी ने गिरफ्तार कमांडरों और भाकपा (माओवादी) के ओजीडब्ल्यू/समर्थकों के आवासीय परिसरों में तलाशी ली है। इस दौरान विभिन्न डिजिटल उपकरणों जैसे मोबाइल फोन, सिम कार्ड, आपत्तिजनक दस्तावेजों की जब्ती की गई है।
मामले में कुल अब तक 9 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
बता दें कि एनआईए ने छापेमारी में पांच गिरफ्तार नक्सली कमांडरों और दो संदिग्ध ओवर ग्राउंड वर्कर्स और नक्सलियों के समर्थकों के आवासीय परिसरों की तलाशी ली। एनआईए ने पिछले साल 24 जून को इस मामले को बिहार पुलिस से अपने हाथ में लिया था। मामले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। नक्सलियों ने 2 नवंबर 2018 को नरेश सिंह भोक्ता की बेरहमी से हत्या कर दी।
नक्सलियों को शक था कि नरेश सिंह भोक्ता पुलिस को उनकी खुफिया सूचना दे रहा है। इससे पहले कल बुधवार की सुबह बिहार एनआईए की टीम ने पलामू जिले के माओवादी स्टेट कमिटी सदस्य अभिजीत यादव और सब जोनल कंमाडर राम प्रसाद यादव के घर में छापेमारी की थी। माओवादी अभिजीत यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के बंधुडीह गांव का रहने वाला है, जबकि प्रसाद यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के बगैया गांव का है।
क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि प्रतिबंधित आतंकवादी द्वारा बुलाई गई तथाकथित 'जन अदालत' में भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व और नक्सल कैडरों द्वारा पुलिस मुखबिर के रूप में लेबल किए जाने के बाद 2 नवंबर 2018 की रात को नरेश भोक्ता का अपहरण कर लिया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद उसका शव बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के बधाई बिगहा गांव के पास बरामद किया गया था। जिसके बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुटी थी।