भोजपुरी इंडस्ट्री में गोपालगंज की संजना पांडेय बना रहीं अलग पहचान, आने वाली हैं ये तीन फिल्में, रिलीज के लिए तैयार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 12, 2022 12:48 PM2022-10-12T12:48:11+5:302022-10-12T12:52:14+5:30
संजना पांडेय का मानना है कि अभी उनके करियर का आगाज हुआ है, उन्हें अभी यहां और भी अच्छे अच्छे प्रोजेक्ट्स करने हैं। उन्होंने बताया कि वे फिल्मों का चयन स्क्रिप्ट के अनुसार ही करती हैं।
गोपालगंज: फिल्मों में अभिनय छोटे शहरों और दूर-दराज के जिले में रहने वाले लोगों के लिए किसी सपने की तरह है। तमाम चुनौतियों के बावजूद आज इन वर्जनाओं को तोड़ते हुए कई कलाकारों ने अपने मेहनत और लगन के दम पर इंडस्ट्री में एक मुकाम हासिल किया है। ऐसी ही एक कलाकार हैं संजना पांडेय, जो बिहार के गोपालगंज जिले से आती हैं और आज अपनी मातृभाषा भोजपुरी की शान अपने अभिनय कौशल से बढ़ा रही हैं।
संजना पांडेय ने अलबम के जरिए इंडस्ट्री में कदम रखा और उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत भोजपुरी के लोकप्रिय सिंगर समर सिंह के साथ ' लाल चुनरिया वाली से' से की थी। यह उनकी डेब्यू फिल्म थी, जिसमें उनके काम को खूब सराहा गया।
उसके बाद उन्होंने दो दर्जन से अधिक फिल्में की, जिनमें भोजपुरी सुपर स्टार रितेश पांडेय के साथ फिल्म ‘सात फेरों के सातों वचन’ प्रमोद प्रेमी के साथ कलेक्टर साहब, यश कुमार के साथ चंदन परिणय गूंजा, गुंजन सिंह के साथ कुंवारी कन्या, गौरव झा के साथ सईया अनाड़ी के अलावा सइया जादूगर, प्रीत का दामन, रानी बेटी राज करेगी जैसी साफ सुथरी और सामाजिक फिल्में प्रमुख हैं, जिसमें उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
संजना पांडेय की ये तीन फिल्में कतार में
संजना पांडेय की तीन फिल्में सेनुर, वैष्णवी और बधाईयां बाजे मोर अंगना रिलीज के लिए तैयार हैं। संजना को सिनेमाघरों के साथ साथ टीवी पर भी खूब प्यार मिल रहा है। उनकी फिल्में टीवी पर खूब TRP बटोर रही हैं। प्रीत का दामन, कलेक्टर साहब, कारपोरेट बहु, कुंवारी कन्या, रानी बेटी राज करेगी जैसी फिल्मों ने टीआरपी के मामले में बड़े स्टारों को भी पीछे छोड़ दिया।
संजना पांडेय अपने इस छोटे से करियर में एक से बढ़कर एक किरदार को जिया और दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब भी रहीं। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और हर किरदार को एक चुनौती के रूप में लेकर उसे पर्दे पर जीवंत बनाया। संजना कहती हैं कि मेहनत और लगन के साथ काम करने से एक सुकून मिलता है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता, ये सुना था। लेकिन मैंने इसे अपनी अब तक के करियर में करीब से महसूस भी किया है। इसलिए मुझे लगता है कि धैर्य के साथ हमें ईमानदारी से काम करते रहना चाहिए, यही मेरे लिए सफलता की परिभाषा है।