भोजपुरी के उभरते सितारे जय यादव की फिल्म ‘बाबुल की गलियाँ’ दिवाली में होगी रिलीज, रानी चटर्जी और अवधेश मिश्रा भी अहम भूमिका में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2022 01:32 PM2022-09-05T13:32:18+5:302022-09-05T13:34:10+5:30
जय यादव की फिल्म ‘बाबुल की गलियाँ’ दीपावली में देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है।
भोजपुरी फिल्मों के उभरते नए सितारे जय यादव की फिल्म ‘बाबुल की गलियाँ’ दीपावली में देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस फिल्म में जय यादव भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज कलाकार अवधेश मिश्रा, भोजपुरी क्वीन रानी चटर्जी, देव सिंह, प्रकाश आदि के साथ पहली बार स्क्रीन शेयर करते नजर आएंगे। फिल्म में रौशनी सिंह भी हैं।
जय यादव कहते हैं कि वे इससे काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ‘बाबुल की गलियाँ’ के शानदार फिल्म है। मैं खुद को खुशनसीब समझता हूँ कि मुझे फिल्म में काम करने का मौका मिला।'
जय यादव ने कहा, 'हम अवधेश मिश्रा और रानी चटर्जी जैसे कलाकारों की फिल्म देख कर आगे बढ़े हैं। मुझे अंदाजा नहीं था कि एक दिन हम सभी लोग एक ही छाते के नीचे सिनेमा का एक अद्भुत रेनोबो बनाएंगे। लेकिन मुझे ये मौका मिला है, इसके लिए मैं फिल्म के निर्माता संजीव बोहरपी और निर्देशक राम गोपाल सैनी का शुक्रगुजार हूँ।'
बकौल जय यादव, 'हमारी फिल्म का ट्रेलर एस आर के म्यूजिक के यूट्यूब चैनल से रिलीज हो चुका है, जहां दर्शकों का अद्भुत स्नेह मिला है। दर्शकों ने मेरे किरदार को भी सराहा है। इस बात कई लोगों ने हमें फिल्म के लिए बधाई भी दी। मैं बस अब अपने दर्शकों और शुभचिंतकों से यही कहना चाहूँगा कि कि मेरी फिल्म ‘बाबुल की गलियाँ’ जब भी रिलीज हो, आप सभी जरूर सिनेमाघरों में जाकर देखें।'
'अवधेश मिश्रा के अनुभव से बहुत सीखने को मिला'
जय यादव ने कहा कि फिल्म में उन्हें अवधेश मिश्रा के अनुभव से बहुत कुछ सीखने को मिला। जय यादव ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि वाकई उनका अभिनय कमाल का है। जय यादव ने कहा, 'फिल्म में उनकी उपस्थिति बेहद शानदार रही है। मुझे लगता है कि नई पीढ़ी के लोगों को उनके अभिनय पर गौर करना चाहिए, जो अपने आप में एक इन्स्टिच्यूशन हैं।'
जय ने कहा कि फिल्म ‘बाबुल की गलियाँ’ अनुभव और नवीनता के समागम से बनी है, जिसमें अच्छे मनोरंजन के साथ मजबूत संदेश मिलने वाला है। टांडा फिल्म्स प्रस्तुत फिल्म ‘बाबुल की गलियाँ’ की कहानी सभा वर्मा ने लिखी है।