पीवी सिंधु के कोच पुलेला गोपीचंद भारतीय बैडमिंटन के भविष्य को लेकर चिंतित, कहा, 'हमने कोचों में निवेश नहीं किया'

By भाषा | Published: August 28, 2019 01:28 PM2019-08-28T13:28:15+5:302019-08-28T13:28:15+5:30

Pullela Gopichand: पीवी सिंधु के कोच और पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद ने भारत में बैडमिंटन के भविष्य को लेकर चिंता जताई है

We have not invested in coaches, says worried Pullela Gopichand about Indian badminton future | पीवी सिंधु के कोच पुलेला गोपीचंद भारतीय बैडमिंटन के भविष्य को लेकर चिंतित, कहा, 'हमने कोचों में निवेश नहीं किया'

पुलेला गोपीचंद ने भारतीय बैडमिंटन के भविष्य पर जताई चिंता

हैदराबाद, 28 अगस्त: भारत भले ही पीवी सिंधु के रूप में अपने पहले विश्व चैंपियन की सफलता का जश्न मना रहा हो लेकिन राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि भविष्य को लेकर चिंता करने का कारण है क्योंकि देश ने ‘कोचों में पर्याप्त निवेश’ नहीं किया है।

ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधु रविवार को बैडमिंटन में भारत की पहली विश्व चैंपियन बनी जब उन्होंने फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को सीधे सेटों में हराया।

गोपीचंद का हालांकि मानना है कि देश को यह तथ्य स्वीकार करना होगा कि तेजी से सामने आ रही प्रतिभा को संभालने के लिए पर्याप्त कोच नहीं हैं। गोपीचंद ने मंगलवार रात यहां सिंधु की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘हमने कोचों में पर्याप्त निवेश नहीं किया है।’’ द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता गोपीचंद को सिंधु ही नहीं बल्कि साइना नेहवाल और के श्रीकांत सहित अन्य खिलाड़ियों को निखारने का श्रेय भी जाता है।

उभरती हुई प्रतिभाओं को संभालने के लिए पर्याप्त कोच नहीं: गोपीचंद

उन्होंने कहा, ‘‘हम स्तरीय कोच तैयार नहीं कर पा रहे हैं और यह ट्रेनिंग कार्यक्रम नहीं है। यह हमारे आसपास के माहौल से जुड़ा मामला है। इसलिए हमें इस खाई को पाटने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।’’

गोपीचंद ने कहा कि टीम के साथ दक्षिण कोरिया के किम जी ह्युन जैसे कुछ विदेशी कोच हैं लेकिन सामने आ रही प्रतिभाओं को संभलाने के लिए अधिक कोचों की जरूरत है। गोपीचंद ने कहा कि अनुभवी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के खिलाफ मैचों की रणनीति बनाने के लिए अधिक कोचों की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसे हासिल नहीं किया है। उम्मीद करता हूं कि जब इस पीढ़ी के लोग जाएंगे तो हमें असल में ये लोग मिलेंगे। अगर ये लोग दोबारा कोचिंग से जुड़ते हैं तो हमें उतने कोच मिल जाएंगे जितने की जरूरत है।’’ पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन गोपीचंद ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के कारण भी अधिक कोचों और फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत है। 

Web Title: We have not invested in coaches, says worried Pullela Gopichand about Indian badminton future

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