हैचबैक कारों को पीछे छोड़ती जा रही हैं SUV और MPV कारें, इस वजह से लोगों के बीच हो रही हैं लोकप्रिय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 18, 2019 04:57 PM2019-10-18T16:57:35+5:302019-10-18T16:57:35+5:30
2020 में यूटिलिटी व्हीकल का मार्केट हैचबैक से आगे निकल जाएगा। कंपनियां बहुत एग्रेसिव तरीके से एसयूवी कार लॉन्च भी कर रही हैं। आगामी तीन साल के भीतर कम से कम 3 दर्जन एसयूवी और एमपीवी गाड़ियां बाजार में लॉन्च होने वाली हैं।
स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) कारों का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। क्योंकि किसी समय मार्केट शेयर के हिसाब से जो जगह हैचबैक कारों की थी अब धीरे-धीरे SUV और मल्टी पर्पज व्हीकल (MPV) गाड़ियां उनकी जगह लेती जा रही हैं। मार्केट में एक समय 60 से 70 परसेंट पकड़ हैचबैक कारों की थी लेकिन SUV और MPV का मार्केट शेयर देखें तो वह 40 परसेंट पहुंच गया।
कार खरीददार अब हैचबैक कारों की जगह सेल्टॉस, वेन्यू, हेक्टर, अर्टिगा जैसी कारों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। IHS मार्किट जो की व्हीकल मार्केट का अनुमान लगाने वाली फर्म है के मुताबिक 2019 के अंत तक हैचबैक और यूटिलिटी व्हीकल के शेयर में केवल 2 परसेंट का अंतर रह जाएगा। जहां हैचबैक की बिक्री 40 परसेंट है वहीं यूटिलिटी व्हीकल का मार्केट शेयर 38 पहुंच गया है।
2020 में यूटिलिटी व्हीकल का मार्केट हैचबैक से आगे निकल जाएगा। कंपनियां बहुत एग्रेसिव तरीके से एसयूवी कार लॉन्च भी कर रही हैं। आगामी तीन साल के भीतर कम से कम 3 दर्जन एसयूवी और एमपीवी गाड़ियां बाजार में लॉन्च होने वाली हैं। जबकि इसी दौरान आने वाली हैचबैक कारों की संख्या 1 दर्जन होने की उम्मीद है।
IHS मार्किट के गौरव वांगल के मुताबिक कई नई SUV के लॉन्च के साथ 2020 में यूटिलिटी व्हीकल सेगमेंट हैचबैक से आगे निकल जाएगा। उन्होंने बताया कि छोटे शहरों में लोग अभी भी हैचबैक और सेडान खरीद रहे हैं। हालांकि, टॉप 10 शहरों के खरीदार छोटी गाड़ियों से सब 4 मीटर और बड़े साइज की SUV में अपग्रेड कर रहे हैं। SUV सुरक्षित और मॉडर्न होने के साथ शहरी खरीदारों की मांग के मुताबिक बेहतर तकनीक पर बनी हैं।
माइक्रो SUV का बढ़ सकता है चलन
SUV की बढ़ती मांग को देखते हुए ऑटोमोबाइल कंपनियां इस डिजाइन की छोटी कारें बनाने पर मजबूर हैं। मार्केट में मौजूद रेनॉ की क्विड और मारुति की एसप्रेसो जैसी गाड़ियां इसका उदाहरण हैं। कुछ सालों में ह्युंडई मोटर, टाटा मोटर्स, रेनॉ-निसान 5-7 लाख की कीमत वाली माइक्रो SUV लॉन्च करने की तैयारी मे हैं। CLSA के डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016 से अब तक लॉन्च हुईं गाड़ियों में 40-100 पर्सेंट SUV थीं।
तो कम हो जाएगा हैचबैक कारों का मार्केट शेयर
वांगल का मानना है कि यह चलन जल्द देश के छोटे शहरों में बढ़ने वाला है। IHS मार्किट का अनुमान है कि यूटिलिटी वीइकल्स की बिक्री बढ़ने से 5-7 साल में हैचबैक का शेयर घटकर 30-35 पर्सेंट पर आ जाएगा। JATO डायनेमिक्स के सीनियर एनालिस्ट फिलिप मुनोज ने बताया कि भारत में SUV की पहुंच अभी भी कम है। भविष्य में इसके विस्तार की काफी क्षमता है। हालांकि, किफायती SUV लाना और उसे मुश्किल ड्राइविंग कंडिशन और जटिल नियमों के मुताबिक तैयार करना चुनौतीपूर्ण होगा।