कोरोना वायरस और लॉकडाउन का असर, अप्रैल, मई में वाहनों के रजिस्ट्रेशन में आई भारी गिरावट, देखें क्या कहते हैं आंकड़े
By भाषा | Published: June 10, 2020 01:13 PM2020-06-10T13:13:27+5:302020-06-10T13:13:27+5:30
लॉकाडाउन के दौरान ऑटोमोबाइल कंपनियों के बंद रहने से वाहनों का उत्पादन प्रभावित हुआ। अप्रैल महीने में तो कई वाहन निर्माता कंपनियों ने बताया कि उनके एक भी कार की बिक्री नहीं हुई।
लॉकडाउन लागू होने के दौरान अप्रैल और मई में महाराष्ट्र आरटीओ में वाहनों के पंजीकरण की संख्या में बड़ी कमी आई है। इस साल इस अवधि में केवल 27,278 वाहनों का पंजीकरण कराया गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में चार लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण कराया गया था।
वाहन पंजीकरण के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र के 50 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में अप्रैल और मई में 27,278 नए वाहनों का पंजीकरण किया गया। राज्य में पिछले साल इसी अवधि में 4,01,961 वाहनों का पंजीकरण किया गया था।
मोटर वाहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वाहनों के पंजीकरण की संख्या में गिरावट आने और कोविड-19 संक्रमण के कारण कर संग्रह में कमी आने से आटीओ के राजस्व संग्रह पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
आरटीओ ने अप्रैल और मई में 95.71 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,339.67 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह किया गया था। महाराष्ट्र में वाहनों की कुल संख्या 3.75 करोड़ से अधिक है जो कि सर्वाधिक है और करों के रूप में हर वर्ष 8,300 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व एकत्र होता है।
आरटीओ के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो महीने में जिन वाहनों का पंजीकरण किया गया है, उनमें से अधिकतर मार्च में बेचे गए थे। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के कारण ऋण मंजूरी में देरी और कागजी काम पूरा नहीं होने जैसी समस्याओं के कारण वाहनों का तत्काल पंजीकरण नहीं हो पाया था। इसलिए, पंजीकरण पिछले दो महीने में किया गया।
पिछले दो महीने में जिन वाहनों का पंजीकरण किया गया, उनमें सर्वाधिक दो पहिया वाहन (20,590) हैं। इसके बाद कारों (3,914) का पंजीकरण किया गया है। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीने में जिन 50 आरटीओ में वाहनों का पंजीकरण किया गया है, उनमें सर्वाधिक संख्या में वाहनों का पंजीकरण पुणे आरटीओ (1,792) में किया गया है।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के नियमों में ढील के साथ वाहनों के पंजीकरण की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।