लॉकडाउन खत्म होने के बाद सस्ती हो जाएंगी बीएस6 कारें?
By रजनीश | Published: April 3, 2020 06:23 PM2020-04-03T18:23:34+5:302020-04-03T18:23:34+5:30
देश की बड़ी कार निर्माता कंपनियों में से एक मारुति का कहना है कि उनकी कंपनी ने अप्रैल 2019 में ही BS6 नॉर्म्स वाली गाड़ियां पेश कर दी थी। इनकी कीमत BS4 वाली गाड़ियों की कीमत से 8,000-11,000 रुपये ज्यादा थी।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन चल रहा है। इसका असर वाहन निर्माता कंपनियों पर भी पड़ा है। इसके चलते लॉकडाउन हटने के बाद कंपनियों को अपने वाहनों को कम दाम पर बेचना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वाहन निर्माता कंपनियों पर बीएस6 वाहनों की कीमत बीएस4 वाहनों के बराबर रखने का दबाव बन सकता है।
कई कंपनियों ने जनवरी से ही BSV6 गाड़ियों की बिक्री शुरू कर दी थी। इन्हीं में से एक है टोयोटा जिसने नए एमिशन स्टैंडर्ड बीएस6 वाली गाड़ियों की बढ़ी कीमत में से 80,000 रुपये का बोझ ग्राहक पर और 70,000 रुपये का बोझ खुद उठाने का फैसला किया था।
इससे यह बात साफ है कि अगर मार्केट चाहेगा तो हर ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को बीएस6 स्टैंडर्ड वाली गाड़ियों की कीमत कम करनी पड़ेगी। कई कार निर्माता कंपनियां अपनी छोटे डीजल इंजन वाली छोटी गाड़ियों की बिक्री बंद कर रही हैं।
ईटी के मुताबिक उनसे बातचीत में एक डीलर कहा कि कंपनी XUV300 सहित अच्छी मांग वाले दूसरे कई प्रॉडक्ट के नए वर्जन की बेहद कॉम्पिटीटिव प्राइसिंग करेगी। महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, हीरो के डीलर्स का कहना है कि लॉकडाउन हटने के बाद कंपनियों को बीएस6 गाड़ियों की सेल्स बढ़ाने के लिए फाइनेंशियल इनसेंटिव देना होगा।
उनके मुताबिक स्थितियों के हिसाब से आने वाले समय में सबसे बड़ी समस्या डीलर, सप्लायर और वेंडर के साथ तालमेल बैठाने को लेकर होगी। इन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
वहीं देश की बड़ी कार निर्माता कंपनियों में से एक मारुति का कहना है कि उनकी कंपनी ने अप्रैल 2019 में ही BS6 नॉर्म्स वाली गाड़ियां पेश कर दी थी। इनकी कीमत BS4 वाली गाड़ियों की कीमत से 8,000-11,000 रुपये ज्यादा थी।
मारुति सुजुकी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव के मुताबिक ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) पहले से ही मुश्किल में हैं। ऐसे में दाम घटाने की गुंजाइश ही नहीं है। लेकिन डीलर्स और कंज्यूमर्स को इंसेंटिव के जरिए थोड़ी राहत प्रदान की जा सकती है।
इसके साथ ही उनका कहना ये भी है कि वाहनों को बीएस4 से बीएस6 में अपग्रेड करने और अन्य दूसरे रेगुलेटरी नॉर्म्स के अनुपालन में पहले ही काफी निवेश हो चुका है, इसलिए कीमत घटाने का विकल्प ही नहीं बचा है।