भारत के बाहर हिंदी का प्रयोग भाषा और संस्कृति की दृष्टि से दक्षेस, खाड़ी देश, यूरोप, अमेरिका, मॉरीशस, सूरीनाम, फीजी, गयाना, त्रिनिदाद, दक्षिण अफ्रीका आदि में हो रहा है। विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस में स्थापित हुआ है। 11वां विश्व हिंदी सम्मेलन भी अगस्त ...
हमारे राजनेता जाति को लेकर बड़े ही संवेदनशील रहते हैं क्योंकि वे एक ओर जाति का विरोध करते नहीं थकते क्योंकि वह विषमताओं का कारण मानी जाती है, दूसरी ओर एक सामाजिक समस्या के रूप में जाति का भरपूर विरोध किया जाता है. ...
आज यदि शिक्षा के प्रति संशय और अन्यमनस्कता है तो इसका एक बड़ा कारण शिक्षा की विषयवस्तु और प्रक्रिया की दुर्बलता और देश के संदर्भ से उसका कटा होना भी है. ...
भारत ने अनेक क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान दर्ज की है. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद और जी-20 समूह की अध्यक्षता के अच्छे परिणाम होने चाहिए. ...
बाजार, व्यापार की बढ़ती गहमागहमी के साथ यहां भारी-भरकम निर्माण कार्य भी तेजी से होने लगे। इस तरह के विकास और प्रगति की कथा की परिणति या क्लाइमेक्स आज जिस विनाश की लीला दिखा रहा है वह मानव समाज की त्रासदियों की सूची में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। ...
भविष्य हमेशा पर्दे के पीछे रहता है. इसलिए भी अज्ञात और अनागत का आकर्षण सदैव बना रहता है. उससे मिलने या रूबरू होने का अनुभव उत्साह और उत्सव का क्षण बन जाता है. ...
भारत की स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली (जैसे-आयुर्वेद, योग, सिद्ध) तथा तिब्बती, चीनी और अफ्रीकी परंपराओं में ध्यान और पारंपरिक चिकित्सा की विभिन्न प्रथाओं का उद्देश्य स्पष्ट रूप से रोग की रोकथाम, स्वास्थ्य संवर्धन, मनोदैहिक और पुरानी रोग-स्थितियों का प्रबं ...
भारतीय समाज में जिस तरह से महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है, वह महिलाओं के प्रति समाज की प्रतिबद्धता पर गंभीर सवालिया निशान खड़ा करती है। महिलाओं के खिलाफ हर तरह के अपराध बढ़ रहे हैं। न केवल उनकी सुरक्षा और सम्मान बल्कि उनके मूल अधिकारों की भी अक्सर ...