Tokyo Olympics: जब 80 साल पहले भी टोक्यो में रद्द हुए थे ओलंपिक गेम्स, जानिए कैसा रहा है अब तक का इतिहास

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: March 24, 2020 07:25 PM2020-03-24T19:25:17+5:302020-03-24T19:38:51+5:30

Tokyo Olympics: यह पहला अवसर नहीं है, जबकि टोक्यो ने खेलो के कार्यक्रम में बदलाव देख रहा है। इससे पहले उसे...

Tokyo Olympics 2020 postponed, Japan repeat history of 1940 olympics games, | Tokyo Olympics: जब 80 साल पहले भी टोक्यो में रद्द हुए थे ओलंपिक गेम्स, जानिए कैसा रहा है अब तक का इतिहास

Tokyo Olympics: जब 80 साल पहले भी टोक्यो में रद्द हुए थे ओलंपिक गेम्स, जानिए कैसा रहा है अब तक का इतिहास

Highlights24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होना था टोक्यो ओलंपिक का आयोजन।कोरोना वायरस के चलते अगले साल गर्मियों तक के लिए किया गया ओलंपिक को स्थगित। 80 साल पहले भी टोक्यो ओलंपिक हो चुका है रद्द।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने मंगलवार को घोषणा कर दी कि विश्व भर में फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक खेल 2020 को अगले साल गर्मियों तक के लिए स्थगित किया जा चुका है।

पूर्व कार्यक्रम के अनुसार इन खेलों का आयोजन 24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होना था, लेकिन आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद ओलंपिक को पहली बार शांतिकाल में भी स्थगित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। 

आबे ने इससे पहले कहा था कि जापान ने आईओसी से खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने के लिए कहा जिस पर बाक ने शत प्रतिशत सहमति जताई।

आईओसी पर खेलों को स्थगित करने का दबाव बढ़ गया था क्योंकि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड ने भी इन्हें टालने की मांग की थी। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पहले ही कोविड 19 के कारण ओलंपिक से पीछे हट गए थे। 

अमेरिकी ओलंपिक समिति ने कहा है कि खेलों को स्थगित करना ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। ब्रिटेन ने भी कहा है कि वह कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का अनुसरण करने के लिये तैयार है जबकि जर्मनी और न्यूजीलैंड के ओलंपिक संघ और खिलाड़ियों ने भी खेलों को टालने की मांग की थी। विश्व एथलेटिक्स समेत दुनिया भर के खेल महासंघों ने 24 जुलाई से नौ अगस्त तक होने वाले इन खेलों को आगे बढ़ाने की मांग की थी।

यह टोक्यो शहर के लिये बड़ा झटका है, जिसकी ओलंपिक खेलों की तैयारियों के लिये अब तक काफी सराहना हुई है। खेलों के लिये स्टेडियम काफी पहले तैयार हो गए थे और बड़ी संख्या में टिकट भी बिक गए थे। 

ओलंपिक को अब बहिष्कार, आतंकी हमले और विरोधों का सामना करना पड़ा है, लेकिन 1948 के बाद इन्हें हर चार साल में आयोजित किया जाता रहा है।

यह दुनिया भर में हजारों लोगों की जान लेने वाले कोरोना वायरस से प्रभावित सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता होगी। इस महामारी के कारण दुनिया भर की खेल प्रतियोगिता ठप्प पड़ी हुई हैं। आईओसी पर 24 जुलाई से शुरू होने वाले खेलों को स्थगित करने का दबाव लगातार बढ़ रहा था क्योंकि कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया में एक अरब 70 करोड़ लोग घरों में बंद हैं।

अधिकतर खिलाड़ियों के लिए ओलंपिक की तैयारियां करना मुश्किल हो गया था क्योंकि इससे उनके बीमारी से संक्रमित होने का खतरा था। विभिन्न प्रतियोगिताएं और क्वालीफायर्स रद्द कर दी गयी थी और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा सीमित कर दी गई हैं। 

जापान समेत प्रायोजकों को झटका: टोक्यो ने खेलों की मेजबानी पर 12 अरब 60 करोड़ डॉलर खर्च किया है और इसके ताजा बजट को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि खेलों को स्थगित करने से छह अरब डॉलर का अतिरिक्त खर्चा होगा। यह प्रायोजकों और प्रमुख प्रसारकों के लिये भी करारा झटका है, जो कि विज्ञापन से होने वाले राजस्व के लिये हर चार साल में होने वाले खेल महाकुंभ का इंतजार करते हैं। 

बर्लिन 1916 : स्टॉकहोम में चार जुलाई 1912 को छठे ओलंपिक खेलों की मेजबानी बर्लिन को सौंपी गई। जर्मन ओलंपिक समिति ने युद्धस्तर पर तैयारी की। जून में बर्लिन स्टेडियम में टेस्ट स्पर्धायें भी आयोजित हुई। दूसरे दिन ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रेंक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या कर दी गई । इसके बाद के घटनाक्रम प्रथम विश्व युद्ध का कारण बने। बर्लिन ओलंपिक खेल नहीं हो सके। 

साल 1940 में भी जापान में स्थगित हुआ ओलंपिक: यह पहला अवसर नहीं है, जबकि टोक्यो ने खेलो के कार्यक्रम में बदलाव देख रहा है। इससे पहले उसे 1940 में भी मेजबानी मिली थी लेकिन चीन के साथ जापान के युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय दबाव में उसे इससे हटना पड़ा था। हालांकि इसके बाद साल 1964 में टोक्यो ने इसका सफल आयोजन किया था।

साल 1944 में भी नहीं होना पड़ा था निराश: इसके बाद साल 1944 में 13वें ओलंपिक खेल लंदन (यूनाइटेड किंगडम) में होने थे, लेकिन इन खेलों का भी वही हाल रहा। साल 1944 में दूसरा विश्व युद्ध जारी था, जिसके चलते उस दौरान ओलंपिक को टालना पड़ा था। ये खेल हुए ही नहीं और इटली में शीतकालीन खेल भी रद्द हो गए । लंदन ने 1948 में खेलों की मेजबानी की जिसमें जापान और जर्मनी ने भाग नहीं लिया । 

(भाषा इनपुट के साथ)

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