भारत के इस एथलीट ने किया संन्यास का ऐलान, कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता चुका है गोल्ड मेडल
By भाषा | Published: May 31, 2018 11:11 AM2018-05-31T11:11:01+5:302018-05-31T11:11:01+5:30
चक्का फेंक के शीर्ष एथलीट विकास गौड़ा ने 15 साल से अधिक समय तक प्रतिस्पर्धी स्तर पर खेलने के बाद संन्यास ले लिया है।
नई दिल्ली, 31 मई। चक्का फेंक के शीर्ष एथलीट विकास गौड़ा ने 15 साल से अधिक समय तक प्रतिस्पर्धी स्तर पर खेलने के बाद संन्यास ले लिया है। इस दौरान वह राष्ट्रमंडल खेलों की इस स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले और एकमात्र भारतीय पुरुष एथलीट बने। चार बार के ओलंपियन का यह फैसला हालांकि चौंकाने वाला नहीं है, क्योंकि पिछले साल भुवनेश्वर में एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने क बाद उन्होंने किसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शिरकत नहीं की।
जुलाई में 35 साल के हो जाएंगे विकास
वह पांच जुलाई को 35 साल के हो जाएंगे। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने अपने ट्विटर पेज पर उनके संन्यास की घोषणा की। विकास ने एएफआई को पत्र लिखकर अपने फैसले से अवगत कराया।
.@vikgo70 Vikas Gowda, #India's greatest discuss thrower, Olympian, CWG2014 gold medallist retires from Athletics. Thanks, Vikas for serving Indian athletics & taking it to great heights. All the best Champ! @g_rajaraman@PTI_News@kaypeem@IndiaSports@Ra_THORe@Media_SAIpic.twitter.com/UwbJSU2n4t
— Athletics Federation of India (@afiindia) May 30, 2018
अब शरीर को नहीं देना चाहते ज्यादा दर्द
अमेरिका में बसे विकास ने कहा कि काफी सोच विचार और सलाह मशविरा करने के बाद मैंने एथलेटिक्स से संन्यास लेने का फैसला किया। मैं अपने शरीर को अब और दर्द नहीं देना चाहता। मैं जिंदगी के अगले पड़ाव पर ध्यान लगाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिये सम्मान की बात थी और मुझे हमेशा इसकी कमी खलेगी।
विकास के पिता भी थे एथलीट
मैसूर में जन्में विकास का परिवार उनके छह साल के होने से पहले ही अमेरिका के मैरीलैंड में बस गया था। उनके पिता भी पूर्व एथलीट हैं और 1988 ओलंपिक में राष्ट्रीय कोच थे।
विकास कई पदक कर चुके हैं अपने नाम
विकास ने 2012 में 66.28 मीटर की दूरी से राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया था और यह अब भी उनके नाम ही है। उन्होंने 2013 और 2015 एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
एशियाई खेलों में वह 2010 में कांस्य और 2014 में रजत पदक जीत चुके हैं। उन्होंने 2004, 2008, 2012 और 2016 ओलंपिक में हिस्सा लिया था। वह 2012 लंदन ओलंपिक में ही फाइनल दौर में पहुंचने में सफल रहे थे।
नहीं लिया था इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा
इंडोनेशिया में होने वाले आगामी एशियाई खेलों से एक महीने पहले ही उन्होंने संन्यास की घोषणा की, लेकिन वह पिछले कुछ समय से अपने मनमाफिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने हाल में राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं लिया था, क्योंकि एएफआई ने एक कड़ा नियम बनाया था कि जो राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगे उन्हें बहु स्पर्धा वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमित नहीं दी जाएगी, क्योंकि यह राष्ट्रीय प्रतियोगिता चयन ट्रायल का काम करती है। पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप के लिए भी उन्हें प्रतियोगिता से पहले अमेरिका से यहां भुवनेश्वर आने को कहा गया था, ताकि वह चयन ट्रायल में हिस्सा ले सकें।
विकास को भविष्य के लिए शुभकामनाएं
एएफआई के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने कहा कि वह ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास का करियर एथलीट के तौर पर शानदार रहा और उसकी उपलब्धियां उसके वर्षों के समर्पण और कड़ी मेहनत को बयां करती हैं। मैं भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और भारतीय एथलेटिक्स की सेवा के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।