COVID-19 के चलते बदली टोक्यो ओलंपिक की डेट, अब 23 जुलाई से 8 अगस्त तक आयोजित होगा 'महाकुंभ'
By भाषा | Published: March 30, 2020 07:11 PM2020-03-30T19:11:54+5:302020-03-30T19:11:54+5:30
आईओसी ने एक बयान में कहा कि नयी तारीखों से स्वास्थ्य अधिकारियों और आयोजकों को कोविड-19 महामारी के चलते बार बार बदलते हालात से भी निपटने का समय मिल जायेगा।
कोरोना वायरस महामारी के चलते स्थगित किये गए टोक्यो ओलंपिक अब अगले साल 23 जुलाई से आठ अगस्त तक आयोजित किये जायेंगे। टोक्यो ओलंपिक इस साल 24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होने थे लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इन्हें स्थगित करना पड़ा। आईओसी और जापान सरकार लगातार दोहराते रहे कि खेल निर्धारित समय पर होंगे लेकिन कोरोना वायरस के बढते प्रकोप के बीच खेल महासंघों और खिलाड़ियों के दबाव में उन्हें फैसला लेना पड़ा।
टोक्यो 2020 के प्रमुख योशिरो मोरी ने ने आनन फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘अब ओलंपिक खेल 23 जुलाई से आठ अगस्त 2021 के बीच होंगे। पैरालम्पिक खेल 24 अगस्त से पांच सितंबर के बीच होंगें।’’ इससे कुछ घंटा पहले ही मोरी ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति इस सप्ताह नयी तारीखों पर फैसला लेगी।
उन्होंने हालांकि सोमवार की शाम को कहा कि आईओसी से आपात टेलीकांफ्रेंस के बाद तारीख तय कर ली गई है। उन्होंने कहा ,‘‘ इस बात पर स्वीकृति रही कि ओलंपिक गर्मियों में ही कराये जायेंग जैसे कि होने थे। तैयारियों, चयन और क्वालीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिये समय चाहिये।’’
आईओसी ने एक बयान में कहा कि नयी तारीखों से स्वास्थ्य अधिकारियों और आयोजकों को कोविड - 19 महामारी के चलते बार बार बदलते हालात से भी निपटने का समय मिल जायेगा। ऐसी भी अटकलें थी कि खेलों को बसंत के महीने में कराया जाये जब जापान में चेरी ब्लॉसम के खिलने का समय होता है। लेकिन उस समय यूरोपीय फुटबॉल और उत्तर अमेरिकी खेल लीग होती है।
टोक्यो आयोजन समिति के प्रमुख योशिरो मोरी और सीईओ तोशिरो मुतो ने कहा था कि नयी तारीखों पर खेलों के आयोजन की लागत बहुत अधिक होगी। स्थानीय रपटों के अनुसार यह लागत अरबों डॉलर बढ जायेगी और इसका बोझ जापान के करदाताओं पर पड़ेगा। मुतो ने लागत की गणना में पारदर्शिता बरतने का वादा किया।
जापान आधिकारिक तौर पर ओलंपिक की मेजबानी पर 12.6 अरब डॉलर खर्च कर रहा है। जापानी सरकार के एक आडिट ब्यूरो ने हालांकि कहा कि लागत इसकी दुगुनी है। खेलों को स्थगित करने के फैसले से होटल, टिकट, वेन्यू और परिवहन समेत सभी पहलुओं पर असर पड़ा है। जापान सरकार ने इन खेलों को ‘रिकवरी ओलंपिक ’ कहा था। वह इनके जरिये दिखाना चाहती थी कि 2011 में सुनामी, भूकंप और फुकुशिमा में परमाणु रिसाव की त्रासदी झेलने के बावजूद उनका देश इन खेलों की मेजबानी कर सकता है।
अब इन खेलों को कोरोना वायरस पर इंसान की जीत के रूप में पेश किया जायेगा। आईओसी प्रमुख थामस बाक ने कहा ,‘‘इंसान इस समय एक अंधेरी सुरंग में है। टोक्यो ओलंपिक 2020 इस सुरंग के आखिर में एक ज्योति का काम कर सकते हैं। यह खेल कोरोना वायरस पर इंसान की जीत का सबूत होंगे।’’