राजस्थान में चलाई रामलहर, गुरु कृपा और शास्त्र ज्ञान के धनी हैं विनायक शर्मा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 7, 2024 02:37 PM2024-03-07T14:37:03+5:302024-03-09T12:37:49+5:30
मात्र 29 वर्ष की आयु में राजस्थान का सबसे बड़ा मीडिया हॉउस खड़ा करने वाले आध्यात्मिक प्रचारक विनायक शर्मा ने बचपन से ही शास्त्र और गुरु कृपा से परिपूर्ण होने के कारण जीवन में कठोर साधना और तप किया हैं।
जयपुर: मात्र 29 वर्ष की आयु में राजस्थान का सबसे बड़ा मीडिया हॉउस खड़ा करने वाले आध्यात्मिक प्रचारक विनायक शर्मा ने बचपन से ही शास्त्र और गुरु कृपा से परिपूर्ण होने के कारण जीवन में कठोर साधना और तप किया हैं। जिसके फलस्वरुप इन्हें आत्म-साक्षात्कार हुआ और इन्होंने अध्यात्म के सफल स्वरुप को करीब से देखा। विनायक शर्मा रामचरितमानस, भागवत गीता, तुलसी साहित्य एवं कई धर्म ग्रंथो के विशिष्ट जानकर है। वह समाज में सनातन संस्कृति के प्रचार एवं धर्म ग्रंथो का सही सार लोगों तक पहुंचाने के प्रयास में निरंतर जुटे रहते है।
"सफलता की चाबी हैं अध्यात्म"
विनायक शर्मा का कहना है की केवल और केवल अध्यात्म और सनातन की शक्ति से ही जीवन में कठिन लगने वाले कार्य भी आसानी से संभव हो सकते हैं और केवल सनातन ही एकमात्र ऐसा मार्ग है जो मनुष्य को जीवन के उच्च स्तर पर ले जा सकता है। अध्यात्म की गहरी समझ के माध्यम से विनायक शर्मा अपने जीवन की चुनौतियों का सामना दृढ़ निश्चय, ईमानदारी और नैतिकता से करने में कामयाब रहे।
अपने पेशेवर जीवन के साथ साथ विनायक अध्यात्म के प्रति अपनी रुची और अटूट समर्पण के माध्यम से भी अपने आस पास के लोगों को प्रेरित करते रहते है। विनायक शर्मा की भूमिका लोगों के जीवन में अध्यात्म को लेकर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं, जिससे लोग जीवन की नकारात्मकता को पीछे छोड़ आध्यात्मिक ऊर्जा की ओर बढ़ते हैं।
रामभिषेकम कार्यक्रम से राजस्थान में चलाई रामलहर
आध्यात्मिक गुणों से परिपूर्ण विनायक अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि संघर्ष की कहानी बचपन से सुनते हुए आये थे और जब भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का ऐलान किया गया तो विनायक ने खुदको काम काज छोड़ कर राम काज में व्यस्त कर लिया। विनायक जयपुर से अयोध्या पहुंचे और अपनी 4 दिवसीय अयोध्या यात्रा पूर्ण की, जहां से वह भगवान राम का अति सुंदर व सिद्ध बालरूप विग्रह अपने साथ लेकर लौटे।
जयपुर आते ही विनायक ने 22 जनवरी से 7 दिन पूर्व यानि 15 जनवरी 2024 को जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर भगवान श्री रामलला का भव्य अभिषेक करने को लेकर 'रामभिषेकम एवं विशाल आरती' कार्यक्रम का ऐलान कर दिया।
इस कार्यक्रम में देशभर से महान संत महात्मा पधारे, रेवासा पीठाधीश्वर स्वामी श्री राघवाचार्य जी, वृंदावन की पावन धरा से सद्गुरु श्री रितेश्वर जी महाराज पधारे, प्रदेश की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने भी कार्यक्रम में पधारकर रामलला के दर्शन किये, मशहूर गायक पद्म श्री कैलाश खेर के गीतों से राम गुणगान हुआ।
संत समागम ने जयपुर को अयोध्या नगरी बना दिया, भगवान रामलला का पञ्चमृरत से महाभिषेक हुआ और भव्य आरती की गयी। विनायक शर्मा द्वारा आयोजित किये गए रामभिषेकम कार्यक्रम से राजस्थान में रामलहर चल पड़ी जिसका सन्देश देश के कोने कोने तक पंहुचा।
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