West Bengal Teacher Recruitment Scam: सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं...अगर जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल भर्ती घोटाले पर कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 7, 2024 02:55 PM2024-05-07T14:55:37+5:302024-05-07T14:56:22+5:30
West Bengal Teacher Recruitment Scam: प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
West Bengal Teacher Recruitment Scam: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के कथित भर्ती घोटाले को “व्यवस्थागत धोखाधड़ी” करार देते हुए मंगलवार को कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड संभाल कर रखते। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों व गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया था। प्रधान न्यायाधीश ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों से कहा, “सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं... अगर जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा।
STORY | Supreme Court terms WB recruitment scam 'systemic fraud', says state was duty-bound to maintain records
— Press Trust of India (@PTI_News) May 7, 2024
READ: https://t.co/pDrDhn1s7d
(PTI File Photo) pic.twitter.com/X97zcZIW3g
यह व्यवस्थागत धोखाधड़ी है। सरकारी नौकरियां आज बहुत कम हैं और उन्हें सामाजिक विकास के रूप में देखा जाता है। अगर नियुक्तियों पर भी सवाल उठने लगें तो व्यवस्था में क्या बचेगा? लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा, आप इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं?” पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि उसके अधिकारियों ने डेटा संभाल कर रखा।
पीठ ने डेटा की उपलब्धता के बारे में भी पूछा। पीठ ने राज्य सरकार के वकीलों से कहा, “या तो आपके पास डेटा है या नहीं है। डिजिटल रूप में दस्तावेज संभाल कर रखना आपकी जिम्मेदारी थी। अब यह जाहिर हो चुका है कि डेटा नहीं है। आप यह बात पता ही नहीं है कि आपके सेवा प्रदाता ने किसी अन्य एजेंसी को नियुक्त किया है।
आपको उसके ऊपर निगरानी रखनी चाहिए थी।” सुनवाई दोपहर दो बजे दोबारा शुरू होगी। इससे पहले राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि अदालत ने “मनमाने तरीके से” नियुक्तियां रद्द कर दीं।