मणिशंकर अय्यर के विवादित बोल, कहा- "पाकिस्तान का सम्मान करें नहीं तो वो भारत पर परमाणु बम गिरा देंगे"
By मनाली रस्तोगी | Published: May 10, 2024 10:01 AM2024-05-10T10:01:50+5:302024-05-10T10:03:11+5:30
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि सरकार चाहे तो पाकिस्तान से सख्ती से बात कर सकती है, लेकिन अगर वह पड़ोसी देश का सम्मान नहीं करेगा तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए और अपनी सैन्य ताकत नहीं बढ़ानी चाहिए क्योंकि इससे इस्लामाबाद नई दिल्ली के खिलाफ परमाणु हथियार तैनात कर सकता है।
पूर्व राजनयिक अय्यर ने कहा कि सरकार चाहे तो पाकिस्तान से सख्ती से बात कर सकती है, लेकिन अगर वह पड़ोसी देश का सम्मान नहीं करता है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने चेतावनी दी, "उनके पास परमाणु बम हैं। हमारे पास भी हैं, लेकिन अगर कोई 'पागल' लाहौर पर बम गिराने का फैसला करता है, तो विकिरण को अमृतसर तक पहुंचने में 8 सेकंड नहीं लगेंगे।"
अय्यर ने पूछा, "अगर हम उनका सम्मान करेंगे तो वे शांतिपूर्ण रहेंगे। लेकिन अगर हम उन्हें नकार देते हैं, तो क्या होगा अगर कोई 'पागल' सामने आए और भारत पर बम फेंकने का फैसला करे?"
बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तानियों की मेहमान-नवाजी की तारीफ में कसीदे काढ़े। इससे पहले इस साल की शुरुआत में अय्यर ने कहा था कि उनका जितना खुले दिल से पाकिस्तान में स्वागत हुआ, उतना किसी और देश में नहीं हुआ।
'डॉन' समाचार पत्र ने अय्यर के हवाले से कहा, "मेरा अनुभव कहता है कि पाकिस्तानी दूसरे पक्ष को लेकर शायद जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया देते हैं। यदि हम मित्रवत हैं तो उनका व्यवहार बहुत अधिक दोस्ताना होगा और यदि हम शत्रुतापूर्ण हैं तो उनका व्यवहार बहुत अधिक शत्रुतापूर्ण होगा।"
रिपोर्ट के अनुसार, अय्यर ने कहा कि उनका किसी भी और देश में ऐसा खुले दिल से स्वागत नहीं किया गया, जैसा पाकिस्तान में किया गया। उन्होंने कहा कि जब वह कराची में महावाणिज्य दूत के रूप में तैनात थे, तो हर कोई उनकी और उनकी पत्नी की देखभाल किया करता था।
अय्यर ने कहा कि सद्भावना की आवश्यकता थी लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार सरकार के गठन के बाद से पिछले 10 साल में सद्भावना के बजाय विपरीत स्थिति पैदा हुई है। जनवरी 2016 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमलों के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और खराब हो गए हैं।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करेगा क्योंकि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते रिपोर्ट के अनुसार, अय्यर ने कहा कि यह उम्मीद करना मूर्खतापूर्ण है कि भारत में हिंदुत्व प्रतिष्ठान पाकिस्तान से बात करना चाहेगा। कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि व्यापारियों, छात्रों और शिक्षाविदों को दोनों देशों की सरकारों को दरकिनार करते हुए भारत और पाकिस्तान के बाहर मिलना जारी रखना चाहिए।
(भाषा इनपुट के साथ)