सही सलामत है दाऊद इब्राहिम का कट्टर दुश्मन डॉन छोटा राजन, नौ साल बाद कोई तस्वीर सामने आई
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 22, 2024 12:39 PM2024-04-22T12:39:38+5:302024-04-22T12:49:45+5:30
छोटा राजन को भारत के मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम का दुश्मन माना जाता है। लगभग नौ साल बाद छोटा राजन की कोई तस्वीर सामने आई है। बाली हवाई अड्डे पर उसकी गिरफ्तारी और उसके बाद भारत में प्रत्यर्पण के लगभग नौ साल बाद यह तस्वीर सामने आई है।
नई दिल्ली: गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का कट्टर दुश्मन और डॉन छोटा राजन सही सलामत है। तिहाड़ जेल से आई ताजा तस्वीर इसका सबूत है। लगभग नौ साल बाद छोटा राजन की कोई तस्वीर सामने आई है। बाली हवाई अड्डे पर उसकी गिरफ्तारी और उसके बाद भारत में प्रत्यर्पण के लगभग नौ साल बाद यह तस्वीर सामने आई है।
सामने आई तस्वीर को देखकर ये साफ है कि छोटा राजन स्वस्थ अवस्था में है। इससे पहले कोविड महामारी के दौरान राजन की मृत्यु की अफवाह उड़ी थी। राजन वर्तमान में तिहाड़ जेल की जेल नंबर 2 में एक उच्च सुरक्षा सेल में बंद है। मई 2020 में राजन की जोल में बंद बलात्कार का एक आरोपी कोविड वायरस की चपेट में आ गया था। इसके बाद बिहार के माफिया डॉन से नेता बने शहाबुद्दीन की इससे मौत हो गई थी। तब ये अफवाह उड़ी थी कि छोटा राजन की भी मौत हो गई है। हालाँकि, अधिकारियों ने कभी भी राजन की तबीयत के बारे में खुलकर बात नहीं की। फिलहाल छोटा राजन की जो तस्वीर सामने आई है वह 2020 की बताई जा रही है।
छोटा राजन को भारत के मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम का दुश्मन माना जाता है। राजन को दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील से जान से मारने की धमकियां भी मिली हैं। शकील ने कई मौकों पर उसे जेल में मार डालने की धमकी भी दी है। छोटा शकील, दाऊद इब्राहिम का सबसे खास सहयोगी है। छोटा राजन अक्टूबर 2015 में भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद से तिहाड़ जेल में है। हालांकि, तिहाड़ प्रशासन ने आज तक कभी भी उस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
2000 में छोटा शकील ने अपने प्रमुख गुर्गे मुन्ना झिंगाडा और अन्य को राजन को मारने के लिए भेजा था। इन लोगों ने बैंकॉक में राजन पर हमला भी किया। कई गोली लगने के बावजूद राजन किसी तरह भागने और जीवित रहने में कामयाब रहा। मई 2015 में जब शकील को पता चला कि राजन ऑस्ट्रेलिया में रह रहा है तो उसने फिर से 'अंतिम हमले' के लिए एक टीम भेजी। राजन फिर से बच गया। इसके तीन महीने बाद राजन ने सिडनी से बाली के लिए उड़ान भरी जहां आगमन पर इंडोनेशियाई अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया। दिल्ली से एक विशेष मल्टी-एजेंसी टीम उसे कुछ ही दिनों में वापस ले आई थी।