Patanjali in court: बाबा रामदेव को झटके पर झटका!, उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को फटकार, जीएसटी बकाया को लेकर कारण बताओ नोटिस, जानें सबकुछ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 30, 2024 01:45 PM2024-04-30T13:45:05+5:302024-04-30T13:45:46+5:30

Patanjali in court: पीठ ने कहा, ‘‘अगर आप सहानुभूति और अनुकंपा चाहते हैं तो अदालत के प्रति ईमानदार रहें...।’’

Patanjali in court baba ramdev Supreme Court reprimands Uttarakhand State Licensing Authority shows cause notice to Patanjali Foods for GST dues | Patanjali in court: बाबा रामदेव को झटके पर झटका!, उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को फटकार, जीएसटी बकाया को लेकर कारण बताओ नोटिस, जानें सबकुछ

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Highlightsक्या लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की।पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 14 मई की तारीख तय की।प्राधिकरण ने ‘‘जान-बूझकर’’ आंखें बंद कर रखी थी। 

Patanjali in court: उच्चतम न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों के मामले में कार्रवाई न करने के लिए उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को मंगलवार को फटकार लगायी। प्राधिकरण द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर असंतोष जताते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि लाइसेंसिंग प्राधिकरण शीर्ष न्यायालय का 10 अप्रैल का आदेश मिलने के बाद ही कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए सक्रिय हुआ। पीठ ने कहा, ‘‘अगर आप सहानुभूति और अनुकंपा चाहते हैं तो अदालत के प्रति ईमानदार रहें...।’’

न्यायालय ने कहा कि उसकी मुख्य चिंता यह है कि क्या लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की। पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 14 मई की तारीख तय की। न्यायालय ने इस मामले में 10 अप्रैल को सुनवाई करते हुए निष्क्रियता बरतने के लिए उत्तराखंड के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के प्रति कड़ी नाराजगी जताई थी और कहा था कि वह इसे हल्के में नहीं लेगा, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि प्राधिकरण ने ‘‘जान-बूझकर’’ आंखें बंद कर रखी थी। 

पतंजलि फूड्स को जीएसटी बकाया के लिए कारण बताओ नोटिस मिला

पतंजलि फूड्स को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) आसूचना विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजकर कंपनी से यह बताने को कहा है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए। कंपनी द्वारा 26 अप्रैल को नियामक में जमा कराए गए विवरण के अनुसार, योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी को जीएसटी आसूचना महानिदेशालय, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है। यह कंपनी मुख्य रूप से खाद्य तेल व्यवसाय में है। कंपनी ने कहा, ‘‘कंपनी को एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है।

कंपनी, उसके अधिकारियों और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं को कारण बताने के लिए कहा गया है कि 27,46,14,343 रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज सहित) क्यों नहीं वसूली जानी चाहिए, और क्यों जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए।’’ विभाग ने एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 20 के साथ पठित केंद्रीय माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 और उत्तराखंड राज्य माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला देते हुए नोटिस दिया है।

पतंजलि की दिव्य फार्मेसी के 10 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। उत्तराखंड औषधि विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण के एक आदेश में यह जानकारी दी गई। यह आदेश इस महीने की शुरुआत में औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के उल्लंघन में कंपनी के इन उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जारी किया गया है।

आदेश के अनुसार, दिव्य फार्मेसी के जिन उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेहा, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट और मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर शामिल हैं।

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