परेशान करने वाली कॉल्स को अलविदा! केंद्र नई गाइडलाइंस कर रहा तैयार, अब इन्हें भरना होगा तगड़ा जुर्माना
By आकाश चौरसिया | Published: May 15, 2024 02:56 PM2024-05-15T14:56:03+5:302024-05-15T15:15:14+5:30
आम दिनों में लोगों को लगातार कॉलसेंटर्स या अनरजिस्टर्ड नंबरों से कॉल करने वाली कंपनियों और कुछ बैंकों को इसके दायरे में केंद्र लाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में जुड़ी गाइडलाइंस जारी करने जा रहा है।
नई दिल्ली: आम दिनों में लोगों को लगातार कॉलसेंटर्स या अनरजिस्टर्ड नंबरों से कॉल नए-नए अपडेट और स्कीम को लेकर आती हैं, अब इस पर केंद्र सरकार इनके पर कूतरने के लिए गाइडलाइंस जारी करने की तैयारी कर रहा है। अगर ये नियम धरातल पर आते हैं तो मान लीजिए कि आपको अनचाही कॉल से परेशान नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि इन्हें अच्छा-खासा जुर्माना भरना होगा।
फाइन भरने को लेकर और गलत तरीके से व्यापार करने वाली कॉल पर बैन लगाने की तैयारी को लेकर केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। यह पहली बार होगा, जब निजता का हनन और उपभोग्ता के हक को स्वीकारते हुए इन पर पेनाल्टी लगाने की तैयारी केंद्र कर रहा है।
केंद्र सरकार ने अपने तैयार किए गए प्रस्ताव में बैंकों, इंश्योरेंस फर्म, रियल एस्टेट को, ब्रोकर्स और दूसरे इकाइयों को इसके लिए जिम्मेदार माना है। होता ये है कि इन क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियां गैर-रजिस्टर्ड नंबरों से कॉल करती हैं, इस बात की जानकारी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दी है।
सामने आई खबर के मुताबिक, उपभोक्ताओं को नंबर और कॉल के उद्देश्य की पहचान करने में सक्षम बनाने के लिए नंबरों की तीन अलग-अलग श्रृंखला की योजना बनाई जा रही है। मार्केटिंग के लिए '140', सेवा कॉल के लिए '160' और नागरिकों को सूचित करने के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा संचार के लिए '111'। हाल ही में, उपभोक्ता मामले विभाग ने विभिन्न हितधारकों के साथ इन मुद्दों पर चर्चा की और इस मुद्दे को संभालने के लिए मसौदा दिशानिर्देश वितरित किए।
अधिकारी ने कहा कि हितधारकों में दूरसंचार विभाग, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई), भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल), एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जियो, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य नियामक निकाय शामिल हैं।
नियक पर दिया ये नाम
'अवांछित और अनुचित व्यापार संचार के लिए दिशानिर्देश 2024' शीर्षक वाले आगामी नियमों का उद्देश्य इन अनचाही कॉलों से लाभान्वित होने वाली कंपनियों को जवाबदेह देना होगा। विशेष रूप से बैंकों, बीमा फर्मों और रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़े कमीशन एजेंटों द्वारा की गई कॉलों को इसमें शामिल किया गया है।